चुनावी चंदा: कांग्रेस का 'मिशन 500 करोड़', 2 अक्टूबर से 19 नवम्बर तक चलेगा अभियान
पार्टी का चुनावी चंदा अभियान गांधी जयंती से शुरू होकर 19 नवम्बर तक चलेगा. पार्टी ने हर बूथ कमिटी को पांच हजार रुपए चंदा जमा करने का टारगेट दिया है. इस तरह देश भर के लगभग दस लाख बूथों से 500 करोड़ रुपया जुटाने का लक्ष्य रखा गया है.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस ने तैयारी शुरू कर दी है. चुनावों की तैयारियों के लिए कांग्रेस देश भर के 10 लाख बूथों से 500 करोड़ का चंदा जुटाएगी. पार्टी ये अभियान गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर से शुरू करेगी. जो 19 नवम्बर तक यानी इंदिरा गांधी की जयंती तक चलेगा. पार्टी ने हर बूथ कमेटी को पांच हजार रुपए चंदा जमा करने का टारगेट देना तय किया है. इस तरह देश भर के लगभग दस लाख बूथों से 500 करोड़ रुपया जुटाने का लक्ष्य रखा गया है.
अभियान के बारे में बताते हुए पार्टी के संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने कहा कि पहले भी घर घर जा कर जनसंपर्क और पैसे जुटाने का अभियान चलाया जाता था. फिर से ये वक्त आ गया है कि हम जनसंपर्क के काम को गति दे. 2 अक्टूबर से ये अभियान शुरू होगा जिसमें घर-घर जा कर कार्यकर्ता जन सम्पर्क करेंगे और चंदा भी मांगेंगे. अभियान में लोगों को राष्ट्रीय मुद्दों पर जानकारी भी देंगे.
जानकारी के मुताबिक, पार्टी निचली इकाइयों को हर घर से पांच, दस रुपए तक जमा करने को कहा गया है. इसके साथ-साथ कार्यकर्ता पर्चे भी बांटेंगे. 2 हफ्ते पहले पार्टी के नए कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने सभी प्रदेश कोषाध्यक्षों और अध्यक्षों की दिल्ली में बैठक बुलाई थी और फीडबैक लिया था. जानकारी के मुताबिक इसके बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी अहमद पटेल और अशोक गहलोत ने प्रदेश अध्यक्षों और कोषाध्यक्षों से मन्त्रणा की. इसके बाद घर-घर जा कर चंदा और जनसंपर्क की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया.
हालांकि पार्टी केवल घर-घर जा कर ही नहीं ऑनलाइन चंदा भी जुटा रही है. राजस्थान चुनाव के लिए वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन चंदा मांगा जा रहा है. इससे पहले कर्नाटक चुनाव के दौरान भी कांग्रेस ने एक उम्मीदवार के लिए ऑनलाईन चंदा मांगा था. इससे पहले ऑनलाइन चंदे का सबसे सफल प्रयोग दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने किया था.
बहरहाल भले ही डेढ़ महीने में कांग्रेस का मिशन 500 करोड़ सफलतापूर्वक पूरा भी हो जाए तो भी चुनाव जितने खर्चीले हो गए हैं उस हिसाब से पार्टी को इससे कहीं ज्यादा पैसों की जरूरत होगी. हाल में ही पार्टी ने अपने नेताओं को खर्चे में कटौती का निर्देश भी दिया है. हालांकि जानकारों की मानें तो इस मुहिम का मकसद चंदा इकट्ठा करना कम और घर-घर पहुंच कर कांग्रेस के लिए सहानुभूति पैदा करना ज्यादा है.
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