कांग्रेस का मिशन उत्तराखंड: बीजेपी सरकार की असफलता और प्रदेश की अस्मिता को जोड़कर यात्राओं का प्लान
विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर दिल्ली में बैठकों का दौर लगातार जारी है. शनिवार को भी प्रभारी देवेंद्र यादव ने प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, नेता विपक्ष इंदिरा हृदयेश और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के साथ बैठक की.
नई दिल्लीः अगले साल की शुरुआत में होने वाले उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी है. चुनाव से छह महीने पहले कांग्रेस प्रदेश भर में यात्रा निकालने जा रही है. इस परिवर्तन यात्रा के जरिए जहां एक तरफ बीजेपी सरकार की नाकामियों को उजागर किया जाएगा वहीं उत्तराखंड की अस्मिता को भी उभारने की कोशिश भी की जाएगी.
उत्तराखंड कांग्रेस के उच्च सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में पहली यात्रा खटीमा से मसूरी तक निकाली जाएगी. दोनों जगह उत्तराखंड आंदोलन में सबसे महत्वपूर्ण रहे हैं. कुल तीन यात्राएं निकाली जाएंगी. इसके तहत उत्तराखंड कांग्रेस के नेता पूरे राज्य का भ्रमण करेंगे. सूत्रों का कहना है कि उत्तराखंड में कांग्रेस राजस्थान मॉडल पर चुनाव लड़ेगी. कुछ महीने पहले ही राजस्थान के सह प्रभारी रह चुके देवेंद्र यादव को उत्तराखंड का प्रभारी बनाया गया था.
देवेंद्र यादव ने कहा कि हमने चर्चा की है कि किस तरह लोगों के बीच जाकर उनके मुद्दों को अपने मुहिम से जोड़ा जाए. जिस तरह का राज बीजेपी ने दिया है उससे लोग त्रस्त हैं और बदलाव की ओर देख रहे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने एबीपी न्यूज से कहा, "हम आक्रामक अभियान चलाएंगे. बीजेपी सरकार पूरी तरह नाकाम है. लोग परेशान हैं. हम उत्तराखंडियत को लेकर आगे बढ़ेंगे और सामाजिक एकता को और मजबूत करेंगे."
उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि पिछले चुनाव में बीजेपी ने बड़े वादे किए, लेकिन उन वादों को पूरा करने में नाकाम रही. उन्होंने आगे कहा कि महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक मंदी, किसान आंदोलन और कोरोना महामारी से लड़ने में नाकामी चुनाव के मुख्य मुद्दे होंगे.
70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा का चुनाव अगले साल की शुरुआत में होना है. पिछली बार बीजेपी को जबरदस्त बहुमत मिला था. हाल में ही बीजेपी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत की जगह तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया जो लगातार अपने बयानों से अपनी और पार्टी की किरकिरी करवा रहे हैं. इन्हीं वजहों से अगले चुनाव में कांग्रेस को अपने लिए मौका नजर आ रहा है.
कांग्रेस अपनी रणनीति तो बना रही है लेकिन चुनाव में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर एक राय नहीं है. जहां एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत चुनाव में मुख्यमंत्री के चेहरे का एलान किए जाने को जरूरी मान रहे हैं तो वहीं प्रभारी देवेंद्र यादव समेत अन्य नेता सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं.
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