आलिया की फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' के नाम पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर
आलिया भट्ट की फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी रिलीज से पहले ही कॉन्ट्रोवर्सी का हिस्सा बन चुकी है. कांग्रेस विधायक ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर फिल्म का नाम बदलने की मांग की है.
आलिया भट्ट की फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' पर विवाद खड़ा हो गया है. रियल गंगूबाई का परिवार और कमाठीपुरा के लोग लगातार नाराजगी जता रहे हैं. अब कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है. अमीन पटेल ने फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' का नाम बदलने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है.
याचिका में आरोप लगाया गया है कि फिल्म में काठियावाड़ी समुदाय की गलत छवि को दिखाया गया है. कमाठीपुरा एक रेड लाइट एरिया है, जिसे फिल्म में गलत तरीके से पेश किया गया है. गंगूबाई कमाठीपुरा की क्वीन थी.
गंगूबाई काठियावाड़ी के परिवार वालों का दावा है कि पैसों के लालच में मेकर्स ने उनके परिवार को बदनाम किया. परिवार वालों का कहना है कि फिल्म में सोशल वर्कर रह चुकी गंगूबाई काठियावाड़ी को एक सेक्स वर्कर की भूमिका में दिखाया गया है. ऐसे में इस बात से सताए परिवार वालों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
कौन थीं गंगुबाई काठियावाड़ी ?
हुसैन जैदी की किताब माफिया क्वींस ऑफ़ मुंबई के मुताबिक, गंगूबाई काठियावाड़ी गुजरात की रहने वाली 16 साल की भोली भाली लड़की थी जिसने अपने से ज्यादा उम्र वाले लड़के से प्यार किया था. घर वालों के खिलाफ जाकर गंगूबाई ने अपने प्यार से शादी तो कर ली. लेकिन इस प्यार ने गंगूबाई को उस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया जिन्होंने उनकी जिंदगी तबाही की ओर मोड़ दी. 16 साल की उम्र में पति रमणीक, जो उनके पिता का अकाउंटेंट हुआ करता था, उस पर भरोसा कर परिवार वालों को दगा देकर, गंगूबाई उसके साथ माया नगरी आ गई.
गुजरात से निकलकर गंगूबाई रमणीक के साथ मुंबई में रहने लगी. लेकिन इसी बीच रमणीक उन्हें मुंबई की मशहूर कमाठीपुरा रेड लाइट एरिया की कोठे वाली को अपनी मौसी बताकर उन्हें मात्र ₹500 में बेच दिया. उनके पति ने उनकी जिंदगी का सौदा कर दिया था.
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