जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनाव में अब दो महीने का वक्त बचा है. इस बीच राजस्थान में जाट आरक्षण का मुद्दा गर्माने जा रहा है. राजस्थान के जाट नेताओं ने कल आंदोलन की चेतावनी दी है. जाट नेताओं ने कहा है कि सरकार ने आज शाम बातचीत का आश्वान मिला है. अगर सरकार बात नहीं मानती तो कल से जाट आंदोलन होगा. भरतपुर में जाट नेता और कांग्रेस विधायक विश्वेन्द्र सिंह ने सरकार को आज शाम तक का अल्टीमेटम दिया है.


विश्वेन्द्र सिंह का कहना है कि अगर सरकार आज शाम तक उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कोई सकारात्मक पहल नहीं करती है तो कल से जाट आंदोलन शुरू कर दिया जायेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस बार यह आंदोलन इतना बड़ा होगा जिसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता है, पिछले आंदोलनों में तो मैंने जनता को मना लिया लेकिन इस बार जनता नहीं मानेगी.


दरअसल जाट नेताओं की मांग है की भरतपुर धौलपुर के जाटों को केंद्र में आरक्षण दिया जाए. इसके साथ ही पिछले आंदोलन में आंदोलनकारियों पर लगे मुकदमों को वापस लिया जाए, आंदोलन की धमकी देने वालों का कहना है कि सरकार इन दोनों मागों पर एक साल से आश्वासन दे रही है.


पिछले साल दो अक्टूबर को विश्वेन्द्र सिंह के नेतृत्व में हजारों समर्थकों ने जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर धरना देकर अपनी गिरफ़्तारी दी थी. इनकी मांग की थी की यदि तीन दिनों के अंदर जाट आंदोलनकारियों से मुक़दमे वापस नहीं लिए और जाटों को ओबीसी में आरक्षण नहीं दिया तो 5 अक्टूबर से आंदोलन शुरू कर दिया जायेगा. जाटों के इस अल्टीमेटम का आखिरी दिन है.


जिला प्रशासन और सरकार जाट नेताओं को मनाने में लगी है लेकिन आज शाम तक यदि सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं होती है तो कल से प्रदेश एक बार फिर से आंदोलन की आग में जलेगा. इस मौके पर विश्वेन्द्र सिंह के साथ भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह भी थे | विश्वेन्द्र सिंह इस समय कुम्हेर डीग से कांग्रेस विधायक है और पूर्व राजपरिवार के सदस्य भी है जिन्होंने विगत दो वर्षों में भी ओबीसी में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन किया था जिसे सरकार के साथ समझौते के बाद स्थगित किया था.