रायपुर: छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद से राज्य की राजनीति में लगातार हलचल मची हुई है. राज्य में मुख्यमंत्री पद के ​लिए ढाई-ढाई साल बंटवारे की चर्चा है. इन्हीं चर्चाओं के बीच करीब 35 विधायक पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए थे. अब ये सभी विधायक सोमवार को वापस रायपुर आ गए.


नई दिल्ली से रायपुर पहुंचने के बाद विधायकों ने मीडिया से बात करते हुए कहा 'राज्य में सब ठीक है'. दिल्ली जाने का कारण पूछने पर उन्होंने कहा कि निजी कार्य से दिल्ली में थे. हालांकि रिपोर्ट्स का यही कहना है कि ये विधायक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पक्ष में एकजुटता जताने के लिए राष्ट्रीय राजधानी गए थे.


छत्तीसगढ़ सरकार में कोई बदलाव नहीं होगा
वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आश्वस्त नजर आ रहे हैं और उत्तर-प्रदेश में मिली नई जिम्मेदारी में व्यस्तता दिखा रहे हैं. उससे साफ है कि छत्तीसगढ़ में फिलहाल कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं होने जा रहा है. उन्होंने एक बयान में कहा, "पार्टी ने मुझे उत्तर प्रदेश में एक नई जिम्मेदारी दी है, जिसको देखते हुए मैंने लखीमपुर में हिंसा के बाद वहां जाने का प्रयास किया. लेकिन घटनास्थल पर पहुंच नहीं सका, इसलिए दिल्ली आ गया. जहां तक छत्तीसगढ़ की बात है, फिलहाल ऐसा कुछ भी नहीं होने जा रहा है."


अगस्त में बघेल ने किया था दिल्ली दौरा 
छत्तीसगढ़ में साल 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी.एस सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं हैं. जून 2021 में मुख्यमंत्री पद पर बघेल के ढाई साल पूरे होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के खेमे ने दावा किया था कि आलाकमान ने ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री पद के लिए सहमति दी थी. राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर हुए विवाद के बाद कांग्रेस आलाकमान ने विवाद को सुलझाने के लिए अगस्त में बघेल और सिंहदेव को दिल्ली बुलाया था. जब बघेल दिल्ली में थे तब कांग्रेस के 70 में से 54 विधायकों ने उनके समर्थन में दिल्ली का दौरा किया था.


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