भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता में आए 1 साल से ज्यादा का वक्त हो गया है लेकिन अभी भी संगठन, सरकार और अफसरों के बीच तनातनी का दौर जारी है. ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस विधायक ने अपनी ही सरकार और सीएम कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दरअसल, विधायक मुन्ना लाल अपने क्षेत्र में रुके हुए विकास कार्यों को लेकर सरकार से नाखुश हैं. अपनी नाराजगी सोशल मीडिया पर चिट्ठी लिखकर जाहिर करते हुए विधायक ने शनिवार को विधानसभा के बाहर धरने पर बैठने की बात कही है.


अपने क्षेत्र में विकास कार्यों की उपेक्षा से नाराज हैं विधायक


ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस विधायक मुन्ना लाल अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के धीमी रफ्तार को लेकर सीएम कमलनाथ से नाराज हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने वचन पत्र में भूमिहीनों को पट्टा देने का वादा किया था जिसके लिए मैंने विधानसभा में कई बार ध्यानाकर्षण भी लगाया लेकिन अब तक इसका कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है. विधायक मुन्ना लाल ने कहा कि मैंने इसके लिए मंत्रियों और खुद सीएम को भी कई पत्र लिखे हैं लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि जनता ने मुझे विधायक चुना है और जवाबदेही मेरा फर्ज है. उन्होंने कहा, ''सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करने के लिए मैं कल विधानसभा में गांधी प्रतिमा के सामने धरना दूंगा. गौरतलब है कि विधायक मुन्ना लाल ज्योतिराज सिंधिया के करीबी माने जाते हैं और अपनी नाराजगी के चलते उन्होंने शुक्रवार को विधानसभा के विशेष सत्र का भी बहिष्कार किया था.


इन मांगों को लेकर धरने पर बैठ रहे हैं कांग्रेस विधायक


ग्वालियर पूर्व से विधायक मुन्ना लाल 20 साल से निवास कर रहे भूमिहीन परिवारों को पट्टा देने और इसके लिए नया सर्वे कराने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही ग्वालियर एडीएम अनूप सिंह के तबादले, मुरार नदी के संरक्षण और रिंग रोड के निर्माण के साथ विधायकों की समस्या के निराकरण की मांग को लेकर धरने पर बैठेंगे.


विधायक की नाराजगी से संगठन और सरकार परेशान


प्रदेश की कांग्रेस सरकार के लिए अपने ही विधायकों को संतुष्ट कर पाना मुश्किल नजर आ रहा है. वहीं कांग्रेस विधायक मुन्ना लाल की यह धमकी उस समय सामने आ रही है जब ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग जोरों से उठ रही है, राज्यसभा के लिए भी 3 सीटें खाली होने वाली हैं. इसके साथ ही प्रदेश में जल्द ही नगरीय निकाय चुनाव भी होने हैं. कांग्रेस में चल रही आपसी फूट का फायदा बीजेपी उठा सकती है, अपने ही विधायकों की नाराजगी से बचने के लिए संगठन भी कोई ठोस कार्रवाई ना करते हुए केवल नसीहत ही दे रहा है.


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