राजस्थान: कांग्रेस विधायकों का धरना खत्म, रात 9:30 बजे होगी अशोक गहलोत कैबिनेट की बैठक
राजस्थान में आज दोपहर करीब 2:30 बजे कांग्रेस के विधायक धरने पर बैठ गए. यह धरना राज्यपाल से आश्वासन मिलने के बाद रात के करीब आठ बजे खत्म हुआ.
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जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस विधायकों का धरना खत्म हो गया है. पार्टी ने बताया कि राज्यपाल से आश्वासन मिलने के बाद विधायकों ने धरना खत्म किया है. राज्यपाल ने कुछ बिंदु उठाए हैं, जिन पर विचार के लिए अशोक गहलोत कैबिनेट की बैठक आज रात साढ़े नौ बजे बुलाई गई है.
राज्य के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा, ‘‘राज्यपाल संवैधानिक प्रमुख हैं और उनका पूरा सम्मान है. जिस तरह से उन्होंने आश्वस्त किया है, हमें उनकी मंशा पर कोई संदेह नहीं करना चाहिए. उन्होंने (राज्यपाल) कहा है कि मेरे कुछ सवाल हैं, आप मंत्रिमंडल में उन पर विचार कर उनका जवाब मुझे भिजवा दीजिए, मैं संविधान के अनुसार ही कोई फैसला लूंगा.’’
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा सत्र बुलाए जाने की मांग कर रहे हैं. वहीं राज्यपाल का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से सत्र बुलाया जाना ठीक नहीं है. इसको लेकर मुख्यमंत्री का दावा है कि राज्यपाल पर ऊपर का दबाव है.
कांग्रेस विधायकों ने धरना के दौरान खूब नारेबाजी की. जिसके बाद राज्यपाल भी बाहर आकर विधायकों से मिले. विधायकों ने हम होंगे कामयाब गाना भी गाया.
हम होंगे कामयाब...✌️ pic.twitter.com/BeoYedUC9C
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 24, 2020
अशोक गहलोत क्या बोले?
गहलोत ने राजभवन के बाहर कहा, ‘‘हमारी कैबिनेट ने विधानसभा का सत्र बुलाने का फैसला किया. पहले हमने की. उसका विपक्ष को भी स्वागत करना चाहिए. यही परंपरा रही है लोकतंत्र की. यहां उल्टी गंगा बह रही है, हम कह रहे हैं कि हम सत्र बुलाएंगे और अपना बहुमत सिद्ध करेंगे. कोरोना वायरस और बाकी मुद्दों पर चर्चा करेंगे.’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्यपाल हमारे संवैधानिक मुखिया हैं. हमने उनसे आग्रह किया. मुझे यह कहते हुए संकोच नहीं है कि बिना ऊपर के दबाव के वह इस फैसले को रोक नहीं सकते थे क्योंकि राज्य कैबिनेट का जो फैसला होता है राज्यपाल उससे बंधे होते हैं.’’
गहलोत ने कहा कि अगर राज्यपाल के कुछ सवाल हैं तो वह सचिवालय स्तर पर समाधान कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हमेशा विपक्ष मांग करता है कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए. यहां सत्ता पक्ष कह रहा है कि विधानसभा का सत्र बुलाया जाए जहां दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. वहीं विपक्ष कह रहा है कि हम ऐसी मांग ही नहीं कर रहे. यह क्या पहेली है.’’
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