पणजी: गोवा कांग्रेस आज अपने सभी 17 नवनिर्वाचित विधायकों को राजभवन ले गयी और विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए मौका दिए जाने की मांग करने के लिए राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात की. लेकिन पार्टी को उनसे कोई आश्वासन नहीं मिल सका.


कांग्रेस विधायक दल के नेता चंद्रकांत कावलेकर के नेतृत्व में विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात की. आधे घंटे की मुलाकात मे उन्होंने दलील दी कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते उन्हें गोवा में सरकार गठन के लिए सबसे पहले बुलाया जाना चाहिए था.


गोवा कांग्रेस के प्रमुख लुइजिन्हो फ्लेरियो ने राजभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने राज्यपाल से अनुरोध किया कि कांग्रेस को सरकार बनाने का मौका दिया जाए. पर्रिकर को शपथ लेने की अनुमति देना संविधान के खिलाफ है. बहुमत हमारे साथ है.’’ उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने उनसे कहा कि वह कोई फैसला अपने विवेक से लेंगी.


''राज्यपाल को विधायकों की गिनती के जरिए यह फैसला करने का अधिकार नहीं''


फ्लेरियो ने कहा, ‘‘राज्यपाल को विधायकों की गिनती के जरिए यह फैसला करने का अधिकार नहीं है कि किसके पास बहुमत है. गिनती और शक्ति परीक्षण सिर्फ सदन में ही होना चाहिए. सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को पहले बुलाया जाना चाहिए था.


यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस ने 40 सदस्यीय सदन में कम से कम 21 विधायकों का समर्थन जुटा लिया है, फ्लेरियो ने विस्तृत ब्यौरा देने से इंकार किया और कहा, ‘‘संख्या बल सदन के पटल पर प्रदर्शित की जाएगी.’’ कांग्रेस ने कल रात राज्यपाल को ज्ञापन देते हुए उनसे कहा था कि वह गोवा में सरकार गठन के लिए पार्टी को आमंत्रित करें. इसके पहले आज कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि पार्टी ने रविवार को दावा पेश करने के लिए समय मांगते हुए राज्यपाल मृदुला सिन्हा पत्र दिया था लेकिन उन्होंने कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए नहीं बुलाया.


दिग्विजय सिंह ने गोवा कांग्रेस विधायक दल की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कहा, ‘‘हम 12 मार्च को ही दावा पेश करना चाहते थे लेकिन उन्होंने :राज्यपाल ने: हमें मिलने का समय नहीं दिया.’’


कांग्रेस नेताओं ने गोवा प्रकरण को लेकर जवाबदेही तय किए जाने की मांग की


राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक सत्यव्रत चतुर्वेदी सहित कुछ कांग्रेस नेताओं ने गोवा में अन्य विधायकों का समर्थन जुटाने में देरी की आलोचना की. गोवा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बाद भी कांग्रेस सरकार बनाने की होड़ में बीजेपी से पिछड़ गयी. तटीय राज्य में सत्ता में वापसी का अवसर गंवाने के बाद उन नेताओं ने मांग की कि सरकार नहीं बना पाने के लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए.


गोवा के कांग्रेस विधायकों के एक समूह ने सरकार बनाने में नाकामी के लिए केंद्रीय नेतृत्व पर आरोप लगाया. इसके एक दिन बाद यह तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गयी है. चतुर्वेदी ने कहा कि पार्टी को मालूम था कि उसके पास स्पष्ट बहुमत नहीं है और इसलिए उसे अन्य राजनीतिक दलों या निर्दलीय विधायकों से समर्थन जुटाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि यह कवायद समय से की जानी चाहिये थी.


पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका चौधरी ने कहा कि जनादेश पार्टी के लिए था और यह स्वाभाविक है कि सरकार नहीं बना पाने को लेकर पार्टी विधायक अच्छा महसूस नहीं करें. उन्होंने कहा कि जवाबदेही तय की जानी चाहिए और गोवा और अन्य राज्यों के लिए कार्रवाई होनी चाहिए.


चतुर्वेदी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि अंतिम निर्णय गोवा विधानसभा में शक्ति परीक्षण के बाद होगा. वहां किसी के बहुमत का फैसला होगा, न कि राजभवन में.