AICC Meeting: कांग्रेस में बैठकों का दौर जारी है. आलाकमान देश भर के नेताओं के साथ मीटिंग कर रहा है. इस बीच नई दिल्ली में भी ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) की मीटिंग हुई. बैठक के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मीटिंग में उनसे उनकी राय और विचार मांगे गए थे.


उन्होंने कांग्रेस की रणनीति के सवाल पर मीडिया से कहा, "रणनीति हमारा आलाकमान तय करेगा. बैठक में हमसे हमारे विचार और हमारी राय मांगी गई थी. हमसे पूछा गया था कि हम क्या चाहते हैं और हमारा मत क्या है?..." वहीं कांग्रेस नेता शंकर मलाकार ने कहा, "हमने पश्चिम बंगाल से जुड़ी महत्वपूर्ण बैठक में प्रदेश के हालात बताए. इस विषय पर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व जो भी निर्णय लेगा, उसके अनुसार आगे चर्चा की जाएगी."


राहुल गांधी ने पूछा कितने लोग चाहते हैं टीएमसी से गठबंधन?
सूत्रों के मुताबिक बैठक में राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल के सभी नेताओं से पूछा कि कितने लोग टीएमसी के साथ गठबंधन चाहते हैं? करीब बीस नेताओं में से केवल एक नेता ने हाथ उठाया, लेकिन बाद में ज्यादातर नेताओं ने टीएमसी से हाथ मिलाने को बेहतर बताया.


बंगाल कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि टीएमसी से गठबंधन में कम से आठ से छह सीटें लेनी चाहिए. राहुल गांधी ने कहा कि आप लोगों की बातें ध्यान में रखकर अब मैं गठबंधन में सीटों की बात करूंगा.


पश्चिम बंगाल के नेताओं के साथ चर्चा
बैठक को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "पश्चिम बंगाल के नेताओं से हमारी मुलाकात हुई. इस दौरान आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा की. हमारे नेता और कार्यकर्ता हमारा संदेश और संकल्प घर-घर तक पहुंचाएंगे. सभी प्रगतिशील ताकतें एकजुट होंगी और बीजेपी के सांप्रदायिक विभाजन, महंगाई और बेरोजगारी के नापाक एजेंडे को हराएंगी."






ओडिशा के नेताओं के साथ भी हुई बातचीत
इससे पहले उन्होंने ओडिशा के नेताओं का साथ भी चर्चा की थी. इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ओडिशा के लोग भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई, कृषि संकट और आदिवासियों और कमजोर वर्गों के साथ दुर्व्यवहार से तंग आ चुके हैं. बीजेडी ने ओडिशा को बदलने का वादा किया था, लेकिन राज्य को पीछे धकेल दिया. यहां कांग्रेस पार्टी ने अपने संगठन को मजबूत करने और जन-हितैषी मुद्दों को उठाने के प्रयासों को दोगुना कर दिया है.


इससे पहली यूपी के नेताओं के साथ हुई थी बैठक
इससे पहले सोमवार (18 दिसबंर) को पार्टी ने उत्तर प्रदेश में संगठन और पार्टी की मजबूती के लिए प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की थी. इसमें  आने वाले लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा की गई थी. बैठक में लोक सभाचुनाव से पहले हमें गरीबों, किसानों, महिलाओं और युवाओं की आवाज को उत्तर प्रदेश के घर-घर तक पहुंचाने पर जोर दिया गया था.


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