Congress MP Adhir Ranjan Chowdhury: कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर राहुल गांधी को सांसद पद से अयोग्य ठहराए जाने पर संसद में बहस करवाने की मांग की है. अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि सदस्यता रद्द करने का फैसला बेहद जल्दबाजी में लिया गया, अपने समर्थन में चौधरी ने पिछले लोकसभा के सदस्य के मामले का हवाला दिया है.
अधीर रंजन ने पत्र में कहा, "संसद में एक बहस होनी चाहिए ताकि इस तथ्य का पता लगाया जा सके कि क्या हमारे नेता राहुल गांधी को असंगत सजा दी गई है. इसमें से संज्ञानात्मक असंगति या कानून की असमानता की बू आती है, जो सभी निर्वाचित सदस्यों को मिलती है."
पुराने केस की दिलाई याद
उन्होंने कहा राहुल गांधी के केस की ही तरह एक मामले का जिक्र करते हुए कहा है कि आपको (ओम बिरला) याद दिलाना चाहूंगा कि पिछली लोकसभा के दौरान गुजरात के 14 अमरेली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा सांसद नारनभाई कछड़िया को आईपीसी की धारा 332, 186 और 143 के तहत दोषी ठहराया गया था. उस केस में कछड़िया को तीन साल के कारावास की सजा और आईपीसी की धारा 332 के तहत और धारा 143 आईपीसी के तहत छह महीने की कैद दी गई थी.
नारनभाई कच्छडिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं की
कछाडिया ने हाई कोर्ट में अपील दायर की और कोर्ट ने 18 अप्रैल, 2016 को दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. हालांकि, हाई कोर्ट ने सजा के निलंबन की अनुमति दी. लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 के प्रावधानों के अनुसार, नारनभाई कछड़िया को सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए था, हालांकि तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष ने नारनभाई कच्छडिया के खिलाफ कोई कार्रवाई (अयोग्यता सहित) नहीं की थी.
24 मार्च को राहुल गांधी की सदस्यता रद्द
बता दें कि गुजरात के सूरत जिले की कोर्ट ने राहुल गांधी की कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान मोदी सरनेम को लेकर दिए गए एक बयान को लेकर कांग्रेस नेता के खिलाफ 2019 में आपराधिक मानहानि के एक मामले में 23 मार्च को दोषी ठहराया गया था और दो साल जेल की सजा सुनाई गई थी. इसके अगले ही दिन 24 मार्च को लोकप्रतिनिधित्व कानून के कारण लोकसभा से उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी.
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