Rahul Gandhi Meet Cleaners in Parliament: कांग्रेस के सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार (8 अगस्त 2024) को सफाई कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ संसद में मुलाकात की. इस दौरान राहुल गांधी ने उनकी समस्याओं और तकलीफों को जानने की कोशिश की.
राहुल गांधी से जो प्रतिनिधिमंडल मिला, उसमें सभी सफाईकर्मी महिलाएं थीं. राहुल ने इनमें शामिल सभी महिलाओं से एक-एक करके बातचीत की और उनका दर्द जानने की कोशिश की. सफाईकर्मियों ने भी राहुल के सामने खुलकर अपनी समस्याएं रखीं और उनके समाधान की उम्मीद जताई.
10 साल में बजट हो गया जीरो
प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे एक शख्स ने बताया कि कैसे ये महिलाएं हाथों से मैला साफ करती हैं. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर में ऐसा खूब चल रहा है. इस दौरान राहुल ने पूछा कि समस्या क्या है. इस पर उस शख्स ने कहा कि सरकार इन लोगों के रिहैबिलिटेशन के लिए कोई खर्च नहीं करती. 2010 में 1 हजार करोड़ रुपये का बजट इन लोगों के लिए रखा गया था. 2014 में 10 करोड़ रुपये का बजट रखा गया. फिर इसे 5 करोड़ किया गया और अब यह जीरो हो चुका है
10-16 हजार लोग हाथ से उठा रहे मैला
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि सरकार की नजर में हाथ से मैला धोने वालों की संख्या अब जीरो है, लेकिन हकीकत में ऐसे 10-16 हजार लोग हैं जो इस काम को कर रहे हैं. राहुल गांधी ने पूछा कि आप मुझसे क्या चाहते हैं. इस पर प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि हम चाहते हैं कि पहले सरकार ऐसे काम करने वालों की पहचान करे और फिर उन्हें उचित पैसा दे.
1760 महिलाओं को है मुआवजे का इंतजार
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि सीवर में सफाई के दौरान अक्सर कर्मचारियों की मौत होती है. सीवर की सफाई के लिए टेक्नोलॉजी विकसित करने की जरूरत है. इसके अलावा जिन कर्मचारियों की मौत हुई है उनके परिवार वालों को मुआवजा मिलना चाहिए. ऐसी 1760 महिलाएं हैं जिनके पति की मौत सफाई के दौरान हो चुकी है, लेकिन इन्हें अभी तक मुआवजा नहीं मिला है. सुप्रीम कोर्ट भी सरकार को इस मुद्दे पर 30 लाख रुपये का मुआवजा दने का निर्देश दे चुकी है लेकिन कुछ नहीं हुआ है.
लोकसभा में समस्या को उठाने का दिया भरोसा
इसके बाद राहुल गांधी ने एक-एक महिला सफाईकर्मी से बात की और उनका दर्द जाना. सभी समस्याओं को सुनने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि वह लोकसभा में उनकी समस्याओं को जरूर उठाएंगे और कोशिश करेंगे कि उन्हें उनका हक मिल सके.
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