Dhiraj Sahu: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू के ठिकानों से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की रेड के बाद जितना कैश बरामद हुआ है. उसे देखकर हर कोई हैरान है. कांग्रेस से लगातार इस मुद्दे पर सवाल हो रहे हैं. अब तक सिर्फ अटकले लगाईं जाती थी कि नेताओं के पास खूब पैसा होता है. मगर इतना होता है, ये किसी ने नहीं सोचा था, क्योंकि अगर एक राज्यसभा सांसद के पास इतना पैसा है, तो दूसरे नेताओं के पास कितना होगा.
इस सवाल पर कांग्रेस पहले दिन से चौतरफा घिरी है, क्योंकि एक तरफ बीजेपी है जो धुआंधार हमले कर रही है, तो दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन में शामिल वो दल हैं. जो धीरे-धीरे अब कांग्रेस से दूरी बनाते नजर रहे हैं. इंडिया गठबंधन के अब तक किसी भी नेता ने एक शब्द नहीं बोला है, जबकि पहले यही नेता थे जो कहते थे कि अगर बीजेपी को रोकना है तो एकजुट होकर लड़ना पड़ेगा. कांग्रेस भी इस मुद्दे पर कुछ नहीं कह रही है.
नोट गिनने में लगे 50 से ज्यादा कर्मचारी
धीरज साहू के यहां ना नोट का पहाड़ खत्म हो रहा है, ना गिनती. 6 दिन से इनकम टैक्स के 50 से ज्यादा कर्मचारी और दर्जनों मशीन नोट गिनने में लगी है. बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने दावा किया है कि धीरज साहू के ठिकानों से बरामद की राशि 350 करोड़ को भी पार कर गई है. इस कैशकांड ने कांग्रेस में भूचाल ला दिया है. सबसे बड़े धर्मसंकट में इंडिया गठबंधन हैं, जो तय नहीं कर पा रहा है कि इस मुश्किल वक्त में वो कांग्रेस के साथ रहे या अपनी अलग राह चुने.
इंडिया गठबंधन नेताओं ने साधी चुप्पी
इस कैश कांड पर ना अखिलेश यादव ने कोई ट्वीट किया है और ना तेजस्वी यादव ने. इस मामले पर नीतीश कुमार, शरद पवार, ममता बनर्जी ने भी कुछ नहीं बोला है. अरविंद केजरीवाल, उमर अब्दुल्ला, फारुक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, जयंत चौधरी, सब चुप्पी साधे हुए है. अब सवाल इस बात का है कि क्या इंडिया गठबंधन के दूसरे दलों ने कांग्रेस से किनारा कर लिया है, या फिर उन्हें इस बात का डर है कि अगर उन्होंने इसे डिफेंड किया तो भ्रष्टाचार के दाग उनपर भी लग सकते हैं.
बीजेपी लगातार साध रही निशाना
दरअसल, जबसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धीरज साहू को लेकर निशाना साधा है. तबसे बीजेपी फ्रंट फुट पर खेल रही है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसके लिए सीधे तौर पर राहुल गांधी को निशाने पर लिया है. उन्होंने यहां तक कह दिया है, 'बंधु जवाब तो देना पड़ेगा, तुमको भी और तुम्हारे नेता राहुल गांधी को भी, ये नया भारत है, यहां पर राजपरिवार के नाम पर जनता का शोषण नहीं करने दिया जाएगा. भागते भागते थक जाओगे, लेकिन कानून पीछा नहीं छोड़ेगा. अगर कांग्रेस भ्रष्टाचार की गारंटी है तो मोदी जी भ्रष्टाचार पर कार्यवाही की गारंटी है, जनता की लूटी हुई पाई- पाई लौटानी पड़ेगी.'
कांग्रेस भी झाड़ रही पल्ला
धीरज साहू के घर से मिले खजाने को देख कांग्रेस भी उनसे पीछा छुड़ाने में लग गई है, क्योंकि जो कांग्रेस कल तक धीरज साहू को ये कहकर डिफेंड कर रही थी कि वो बिजनेसमैन हैं. उनके पास इतना पैसा हो सकता है. वहीं कांग्रेस अब कह रही है कि धीरज साहू के पास से मिले इस कैश से उसका कोई लेना देना नहीं है.
नकदी मामले में कांग्रेस आज भले ही साहू से दूरी बना रही हो, लेकिन कभी वो कांग्रेस के लिए बहुत खास हुआ करते थे. इतने खास की मई 2009 में लोकसभा चुनाव हारने के एक महीने बाद ही पार्टी ने उन्हें राज्यसभा पहुंचा दिया था, तब से धीरज साहू राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद है.
ऐसे में सवाल बड़ा है कि क्या कांग्रेस को धीरज साहू की कमाई और धंधे के बारे में नहीं पता था, क्योंकि आम तौर पर हो सकता है कि दूसरी पार्टी के नेता के बारे में ना पता हो. लेकिन जो लंबे समय से सांसद हो, पार्टी से जुड़ा हुआ हो. ऊपर तक जिसकी दखल हो, उसके पास से अगर 300 करोड़ से ज्यादा का कालाधन मिले तो सवाल लाजिमी है, क्योंकि सच तो ये है कि ये मौके का खेल है, जो चूका वो फेल है.
अभी इसी साल कर्नाटक में बीजेपी विधायक के ठिकानों से 8 करोड़ कैश मिले थे. कांग्रेस ने इसे चुनाव में मुद्दा बनाया था और कांग्रेस चुनाव जीत गई. अब बारी बीजेपी की है. सामने 300 करोड़ा का पहाड़ है जो कहां से आया, इसका जवाब ना धीरज साहू से देता बन रहा है ना कांग्रेस से.