ओडिशा के बालंगीर में है धीरज साहू का पुश्तैनी घर, यहीं मिले हैं 285 करोड़ कैश, क्या कह रहे हैं पड़ोसी?
Dhiraj Sahu: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू का बालंगीर शहर में पुश्तैनी मकान है. इस हवेली को उनके पिता बलदेव साहू ने 1954 में बनवाया था आईटी विभाग ने 6 दिसंबर को हवेली पर छापेमारी की थी.
Dhiraj Sahu IT Raids: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू का ओडिशा के बालंगीर शहर में पुश्तैनी मकान है. आयकर विभाग की टीम ने यहां भी 6 दिसंबर की सुबह छापेमारी की थी, जो मंगलवार (12 दिसंबर) सुबह 11 बजे खत्म हुई. आयकर विभाग के अधिकारियों को इस हवेली से कई अहम दस्तावेज भी मिले हैं, जिन्हें लेकर आयकर विभाग की टीम अब भुवनेश्वर गई है.
हवेली के ठीक बगल में रहने वाले पड़ोसियों ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि एक हफ्ते तक यहां छापेमारी चली है. विनायक मिश्रा का मकान इस हवेली से बिलकुल सटा हुआ है. 78 साल के मिश्रा ने बताया कि धीरज साहू के पिता बलदेव साहू ने 1954 में यह हवेली बनवाई थी और धीरज के परिवार के लोग हर 2 से 3 महीने में यहां आते हैं. सांसद धीरज के भतीजे संजय साहू, बेटे रितेश साहू बड़ी गाड़ियों से यहां आते हैं और उनसे मिलने भी लोग आते हैं, लेकिन धीरज साहू को मैंने कभी यहां आते नहीं देखा.
कई बार आबकारी विभाग को दी थी परिवार की जानकारी
हवेली के ही बगल में रहने वाले एक और पड़ोसी सिद्धार्थ मिश्रा पेशे से वकील हैं. उन्होंने बताया कि कई सालों से आबकारी विभाग को इस परिवार के लोगों के बारे में बताते रहे हैं, लेकिन मेरी किसी ने नहीं सुनी.
आबकारी विभाग से मांगी थी आरटीआई के जरिए जानकारी
साल 2021 के अक्टूबर महीने में भी आरटीआई डाल कर राजेश साहू जोकि बौद्ध डिस्टलरी प्राइवेट कंपनी का मैनेजर है और जिसके यहां से 285 करोड़ रुपए मिले हैं, उसके बारे में जानने की कोशिश की. आबकारी विभाग ने राजेश साहू के बारे में कोई जानकारी ना होने का दावा किया. मैं बचपन से धीरज साहू के बेटे, भतीजे और बाकी रिश्तेदारों को यहां आते हुए देख रहा हूं. हालांकि, मैंने कभी धीरज साहू को यहां आते हुए नहीं देखा.
एक बैग उठाने को लगाने पड़े 2-3 हैल्पर
बालंगीर के स्टेट बैंक की ब्रांच में आयकर विभाग के अधिकारी छापेमारी में बरामद नोटों की गड्डियों से भरे 176 बैग्स लेकर पहुंचे थे. बैंक की पहली मंजिल पर नोटों की गिनती हुई थी. अलग-अलग बैंकों के 50 से ज्यादा कर्मचारी नोट गिनने में और 30 से ज्यादा हेल्पर्स बैगों को हैंडल करने में लगाने पड़े थे. बैग्स में नोटों की गड्डियां भरने के बाद वजन इतना हो गया था हर बैग को उठाने के लिए 2 से 3 लोगों को लगाना पड़ता था. बैंक अधिकारी के मुताबिक इस बैंक में बालंगीर जिले में अलग-अलग जगह से छापेमारी में बरामद जो नोटों की गड्डियां आईं थीं, उनकी गिनती कुल 305 करोड़ रुपए के करीब आई है.
बरामद कैश को गिनने को लगाईं थी 40 मशीन
इस पूरे कैश को गिनने के लिए तकरीबन 40 मशीनों को गिनने के लिए लगाया गया था. इनमें से कई मशीनों में तकनीकी दिक्कत भी आई थी क्योंकि बरामद हुई नोटों में धूल की मोटी परत जम चुकी थी. कई नोटों की गड्डियों में सीलन यानी नमी भी आ चुकी थी. धूल की वजह से बैंक के कर्मचारी मास्क पहन कर नोटों को गिन रहें थे क्योंकि गिनने से पहले नोटों पर जमी धूल को हटाना पड़ रहा था.
कंपनी की इमारत में बनी थी खास जगह जहां बरामद हुईं 10 अलमारियां
सूत्रों के मुताबिक आयकर विभाग ने जिस इमारत पर छापेमारी की थी वो काफी बड़े एरिया में बनी है. इसके एक हिस्से को कंपनी के मैनेजर राजेश साहू और बंटी साहू की ओर से खास जगह को कार्यालय के रूप में इस्तेमाल किया जाता था जहां इनके अलावा किसी और को आने जाने की इजाजत नहीं थी. इस जगह से इनकम टैक्स की टीम को करीब 10 अलमारियों से नोटों की गड्डियां मिलीं.
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