तेल कीमतों के खिलाफ सड़कों पर उतरे थरूर, केरल सचिवालय के सामने रस्सी से खींचा ऑटो, देखें Video
जम्मू में शिवसेना ने बढ़ी ईंधन की कीमतों को लेकर प्रदर्शन करते हुए एक स्कूटी में आग लगा दी. दूसरी तरफ, ट्रेडर्स एसोसिएशन और ट्रांसपोटर्स की तरफ से बढ़ी तेल कीमतें, जीएसटी को सरल बनाने और ई-वे बिल को लेकर शुक्रवार को देशव्यापी प्रदर्शन किया जा रहा है.
देश में आसमान छू रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों के विरोध में केरल में कांग्रेस पार्टी के नेता और कार्यकर्ता शुक्रवार को सड़कों पर उतर आए. इस दौरान केरल सचिवालय के सामने पार्टी के सीनियर नेता और तिरुवनंतपुर से सांसद शशि थरूर रस्सी से ऑटो को खींचते हुए नजर आए. इस दौरान उनके साथ कांग्रेस पार्टी के अन्य नेता और पार्टी के कार्यकर्ता भी थे.
तेल की बढ़ी कीमतों पर आज देशव्यापी प्रदर्शन
उधर, जम्मू में शिवसेना ने बढ़ी पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर प्रदर्शन करते हुए एक स्कूटी में ही आग लगा दी. दूसरी तरफ, ट्रेडर्स एसोसिएशन और ट्रांसपोटर्स की तरफ से बढ़ी तेल कीमतें, जीएसटी को सरल बनाने और ई-वे बिल को लेकर शुक्रवार को देशव्यापी प्रदर्शन किया जा रहा है. इस वक्त देश में कुछ जगहों पर पेट्रोल 100 रुपये तक बिक रहा है जबकि डीजल की कीमत 80 के पार जा चुकी है.
#WATCH | Kerala: Shashi Tharoor, Congress MP from Thiruvananthapuram, and other party workers protest against fuel price rise, outside Kerala Secretariat pic.twitter.com/2F2pKTwNIh
— ANI (@ANI) February 26, 2021
आरबीआई गवर्नर बोले- महंगाई पर पड़ सकता है असर
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि पेट्रोल-डीजल महंगा होने से मैन्यूफैक्चरिंग की लागत बढ़ सकती है. इसका असर महंगाई पर पड़ सकता है. गुरुवार को एक कार्यक्रम में उन्होंने साफ कहा कि पेट्रोल और डीजल पर टैक्स की कटौती पर केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर फैसला लेना होगा.
उन्होंने कहा कि दरअसल इस वक्त राज्य और केंद्र दोनों की कमाई पर असर पड़ा है. कमाई घटने की वजह से न तो राज्य टैक्स कटौती की हालत में हैं और न केंद्र में. ऐसे में पेट्रोल-डीजल की महंगाई घटने की उम्मीद नहीं की जा सकती.
हाल में कच्चे तेल की कीमतों में काफी इजाफा हुआ है. इससे तेल महंगा हुआ है. लेकिन केंद्र और राज्य दोनों की ओर से इन पर लगाई जाने वाली टैक्स की दरें काफी ऊंची है. आरबीआई का लक्ष्य महंगाई को चार से पांच फीसदी के दायरे में रखने का है. लेकिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती नहीं हुई तो खुदरा महंगाई दर बेकाबू हो सकती है.