Visa Scam Case: पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम से सीबीआई पूछताछ कर रही है. कार्ति गुरुवार सुबह पूछताछ के लिए सीबीआई मुख्यालय पहुंचे. उनके खिलाफ आरोप है कि उन्होंने रिश्वत लेकर चीनी नागरिकों को वीजा मुहैया कराने में मदद की. हालांकि कार्ति इन आरोपों से इनकार करते आए हैं. कार्ति ने उन पर लगे सभी आरोपों को गलत बताया. इस मामले में सीबीआई ने उनके करीबी को हाल ही में गिरफ्तार किया था, साथ ही कार्ति के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया.
हाईकोर्ट और सीबीआई की विशेष अदालत की इजाजत से ब्रिटेन और यूरोप की यात्रा पर गए कार्ति को विशेष अदालत के आदेश के अनुसार, वापस आने के 16 घंटे के भीतर सीबीआई जांच में सहयोग के लिए पेश होना था.
ईडी ने भी दर्ज किया केस
बता दें कि इस वीजा मामले में अब सीबीआई के बाद ईडी ने भी कार्ति चिदंबरम के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. सीबीआई एफआईआर को आधार बनाते हुए ईडी ने ये केस दर्ज किया है. अब ईडी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करेगी. बताया जा रहा है कि ईडी भी जल्द इस मामले के आरोपियों को पूछताछ के लिए बुला सकती है. इससे पहले सीबीआई की तरफ से कार्ति चिदंबरम के कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल ये मामला 2011 का है जब कार्ति चिदंबरम के पिता पी. चिदंबरम के गृह मंत्री रहते 263 चीनी नागरिकों को कथित तौर पर वीजा जारी किया गया था. सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, कार्ति और उनके नजदीकी सहयोगी एस. भास्कररमन को वेदांत समूह की एक कंपनी के एक उच्च अधिकारी ने 50 लाख रुपये की रिश्वत दी थी. वेदांत समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) पंजाब में एक संयंत्र लगा रही थी और इसके लिए एक चीनी कंपनी को जिम्मा दिया गया था. प्राथमिकी के अनुसार, टीएसपीएल के अधिकारी ने 263 चीनी श्रमिकों के लिए फिर से वीजा जारी करने के एवज में कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत दी थी. एजेंसी ने पहले ही भास्कररमन को गिरफ्तार कर लिया था.
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