नई दिल्ली: दिल्ली का सरकारी आवास खाली करने का नोटिस मिलने के बाद से कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी के अगले कदम को लेकर खूब चर्चा है. नोटिस को लेकर प्रियंका गांधी की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई लेकिन उनके नजदीकी सूत्रों ने साफ कर दिया है कि प्रियंका गांधी का नया ठिकाना अब लखनऊ होगा. इन सब के बीच पी. चिदंबरम के बेटे और कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने प्रियंका गांधी को यूपी में मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाए जाने की वकालत की है.
कार्ति ने ट्विटर पर लिखा है " राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस को पुनर्जीवित करने का रास्ता उत्तर प्रदेश से हो कर गुजरता है. पार्टी को अपना इरादा को स्पष्ट करने के लिए प्रियंका गांधी को उत्तरप्रदेश में मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करना चाहिए. प्रियंका गांधी को लखनऊ में ही रह कर कमान संभालनी चाहिए."
आपको बता दें कि कांग्रेस का एक बड़ा तबका चाहता है कि प्रियंका गांधी को यूपी में मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनना चाहिए. लेकिन कांग्रेस के रणनीतिकारों को लगता है कि प्रदेश में चौथे नम्बर की पार्टी कांग्रेस को पहला इस लायक तो बनाया जाए कि वह मुख्यमंत्री पद का दावा पेश कर सके. इसको बारे में यूपी के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि सभी कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि प्रियंका गांधी को यूपी में मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बनाया जाए लेकिन यह फैसला खुद प्रियंका गांधी को ही लेना है.
कांग्रेस सूत्रों का मानना है कि आने वाले एक साल में अगर पार्टी की स्थिति मजबूत हो गई तो 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रियंका को सीएम का चेहरा बनाने का दांव चल सकती है.
सूत्रों की मानें तो प्रियंका गांधी मिशन 2022 के लिए ज्यादा वक्त यूपी में बिताएंगी और लखनऊ में इंदिरा गांधी की मामी (नेहरू जी की बहन) का घर 'कौल निवास' प्रियंका गांधी का ठिकाना होगा. हालांकि इस बाबत आधिकारिक तौर पर अभी कुछ नहीं बताया गया है.
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 2019 की शुरुआत में प्रियंका गांधी को पूर्वी यूपी और ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी यूपी का प्रभारी बनाया गया था. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस केवल सोनिया गांधी की सीट रायबरेली में जीत पाई, यहां तक की तब के पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी में हार गए.
लोकसभा चुनाव के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभारी पद से इस्तीफा देने के बाद से प्रियंका गांधी पूरे यूपी की जिम्मेदारी संभाल रही हैं. उन्होंने बड़े पैमाने पर जमीनी नेताओं और कार्यकर्ताओं से बात कर प्रदेश में नया संगठन बनाया और जुझारू छवि के विधायक अजय कुमार लल्लू को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया.
प्रियंका गांधी ने यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार को लगातार घेरती रही हैं, चाहे सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ितों का मुद्दा हो या लॉकडाउन के चलते पलायन कर रहे मजदूरों के लिए बसों के इंजमाम का. हाल में प्रियंका गांधी ने बीएसपी प्रमुख मायावती को भी निशाने पर लेते हुए बीजेपी का अघोषित प्रवक्ता बता दिया. जाहिर यूपी में कांग्रेस को जिंदा करने के लिए प्रियंका गांधी अपनी तरफ से खूब कोशिश कर रही हैं.
हालांकि विभिन्न मुद्दों पर लड़ती नजर आई कांग्रेस अब तक कोई मजबूत 'जातीय समीकरण' नहीं बना पाई है जिसके बिना कांग्रेस की सारी मिहनत पर पानी फिर सकता है. हालांकि इस कमी को कांग्रेस प्रियंका गांधी को सीएम प्रोजेक्ट कर भर सकती है. लेकिन यह अहम फैसला प्रियंका गांधी को खुद लेना है. क्योंकि 2022 विधानसभा में यूपी में कांग्रेस का प्रदर्शन से संकेत मिल जाएगा कि 2024 लोकसभा चुनाव में उसकी वापसी होगी या नहीं.
पिछले साल एसपीजी सुरक्षा हटने के बाद कल 1 जुलाई को प्रियंका गांधी को लोधी एस्टेट वाला सरकारी घर महीने भर में खाली करने का नोटिस मिला. यहां प्रियंका करीब दो दशक से रह रही हैं. घर खाली करने को लेकर नोटिस मिलने के बाद कांग्रेस बीजेपी और मोदी सरकार पर हमला बोल रही है.
इसके साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि अब प्रियंका गांधी लखनऊ 'शिफ्ट' होंगी. प्रियंका गांधी की टीम घर खाली करने को लेकर मिले नोटिस को भावनात्मक रंग देने की कोशिश में है.