KC Venugopal New Role: केसी वेणुगोपाल का बढ़ा कद, अब मिली बड़ी जिम्मेदारी, जानें कितनी मिलेगी पावर
KC Venugopal New Role: केरल की अलप्पुझा सीट से लोकसभा सांसद केसी वेणुगोपाल यूपीए-1 सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. इस वक्त वह लोकसभा में डिप्टी व्हिप की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
KC Venugopal New Role: कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) चेयरमैन होंगे. पाब्लिक अकाउंट्स कमेटी की अध्यक्षता विपक्ष के सांसद करते हैं. केसी वेणुगोपाल केरल से सांसद हैं. इनकी गिनती कांग्रेस के मजबूत नेताओं में होती है. इन्हें गांधी परिवार का काफी करीबी माना जाता है.
केसी वेणुगोपाल 2020 में राज्यसभा सांसद चुने गए थे. इसके बाद 2024 में इन्होंने केरल की अलप्पुझा सीट से लोकसभा का चुनाव जीता. वह यूपीए-1 सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. इस वक्त वह लोकसभा में डिप्टी व्हिप की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. संसदीय परंपरा के मुताबिक कमेटी का चेयरमैन का पद विपक्ष को दिया जाता है. 2014-2019 के बची कांग्रेस के लोकसभा लीड अधीर रंजन चौधरी इस कमेटी के चेयरमैन थे.
पार्टी के हर फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका
सूत्रों के अनुसार पार्टी के तमाम बड़े फैसलों, टिकट फाइनल करने और दूसरी पार्टी के साथ गठबंधन की बातों को फाइनल करने में इनका रोल अहम होता है. यही नहीं इन मामलों में अंतिम फैसला वेणुगोपाल के जरिए ही मीडिया के सामने आता है. के.सी. वेणुगोपाल 2023 में बने इंडिया गठबंधन के संयोजन समिति के प्रभावी सदस्य हैं, केसी वेणुगोपाल खुद को सादा रखते हैं. वह लाइम लाइट से दूर ही रहते हैं.
छात्र आंदोलन से शुरू किया राजनीतिक सफऱ
केरल के कन्नूर जिले के पय्यानूर में जन्मे केसी वेणुगोपाल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत छात्र आंदोलन से की थी. इनका पूरा परिवार पुराना कांग्रेसी और गांधीवादी था. 13 साल की उम्र में इन्होंने अपने करियर का पहला चुनाव लड़ा. यह चुनाव था हाईस्कूल का, तब इनके सामने सीपीएम के छात्र संगठन एसएफ़आई के उम्मीदवार ने इन्हें चुनौती दी थी. केसी वेणुगोपाल धीरे-धीरे केरल स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष बने और फिर बाद में वो केरल यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष भी चुने गए. 1987 में सीपीएम की सरकार के खिलाफ इन्होंने 10 लाख नौकरी देने के लिए पार्टी की तरफ से आंदोलन का नेतृत्व किया. केसी वेणुगोपाल को 28 साल की उम्र में ही लोकसभा का पहला टिकट मिला. तब पार्टी ने इन्हें कासरगोड से उम्मीदवार बनाया था, हालांकि इस चुनाव में उन्हें मामूली अंतर से हार मिली थी.