नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने सोमवार को चीन की 59 मोबाइल ऐप्स को देश में प्रतिबंधित करने का फैसला किया. केंद्र का ये फैसला वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद आया है. हालांकि इस फैसले पर विपक्षी दल सरकार को घेर रहे हैं. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सरकार से सवाल पूछा है कि उन्होंने चीन की बाकी ऐप पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया. तिवारी ने आरोप लगाया कि सरकार की यह कार्रवाई सिर्फ सांकेतिक है.


रविशंकर प्रसाद से तिवारी ने पूछा सवाल


केंद्र सरकार ने सोमवार को टिकटॉक, शेयर इट, कैम स्कैनर समेत 59 चीनी ऐप्स को बैन करने का फैसला किया. इस फैसले का कई लोगों ने स्वागत किया और चीन के बहिष्कार को लेकर चल रही मुहिम का परिणाम बताया. हालांकि अभी भी ऐप प्ले स्टोरी और ऐप स्टोर में मौजूद हैं.


वहीं कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने मंगलवार को ट्वीट कर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री रविशंकर प्रसाद से सवाल पूछा. तिवारी ने लिखा, “रविशंकर प्रसाद, क्या आपने चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने के बारे में पूरी तरह से सोचा? दो सवाल हैं- 1) उन लोगों का क्या, जो VPN (वर्चुअल पोर्टेबल नेटवर्क) के जरिए इनको इस्तेमाल कर रहे हैं? 2) उन ऐप का क्या जो लाखों भारतीय मोबाइल फोन में पहले से ही इंस्टॉल हैं? क्या उनसे कोई खतरा नहीं?”


'क्या बाकी चीनी ऐप से कोई खतरा नहीं?'


पूर्व सूचना-प्रसारण मंत्री तिवारी ने इसके बाद रविशंकर प्रसाद से एक और सवाल पूछा और इसमें उन्होंने ई-मार्केटिंग के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक अलीबाबा और भारतीय कंपनी से उसके कनेक्शन को लेकर था. तिवारी ने सवाल पूछा, “अलीबाबा प्रतिबंधित सूची में क्यों नहीं है? क्या ये पेटीएम से संबंध के कारण है?”






तिवारी ने अपने सवाल को जारी रखते हुए पूछा कि क्या सरकार ये प्रमाणित कर रही है कि बाकी चीनी ऐप सुरक्षा के लिए किसी तरह का खतरा नहीं हैं?


गलवान घाटी में चीनी सेना के साथ संघर्ष में भारतीय जवानों की शहादत के बाद से ही देश में लगातार चीनी सामान और उपकरणों के बहिष्कार की मांग उठ रही है. खास तौर पर वीडियो शेयरिंग ऐप टिकटॉक को लेकर देश की जनता के बड़े हिस्से में काफी पहले से रोष था, क्योंकि इसमें मौजूद वीडियो गलत संदेश देने के कारण विवादों में रहे थे.


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