नई दिल्ली: कांग्रेस ने आज संसद में इलेक्टोरल बॉन्ड का मामला उठाते हुए इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा समेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सदन में जवाब देने की मांग की. लोकसभा में इस मसले पर काफी हंगामा हुआ. कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने शून्य काल में ये मामला उठाना शुरू किया तो बीजेपी सांसदों और मंत्रियों ने इसका विरोध किया.


जैसे ही मनीष तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय इसमें सीधे शामिल था और प्रधानमंत्री के निर्देश पर ही बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए ठीक कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले वित्त मंत्रालय ने नियमों में बदलाव लाए. इस बयान के बाद बीजेपी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया. इस बीच मनीष तिवारी की सीट पर लगे माइक को भी बंद कर दिया गया.


हालांकि इसके बावजूद मनीष तिवारी कहते रहे कि वो इन आरोपों से संबंधित फाइल नोटिंग दिखा सकते हैं, आरटीआई से मिले दस्तावेजों को सदन के पटल पर रख सकते हैं. मगर लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं दी.



बस इसी से नाराज, सबसे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अपनी सीट से खड़ी होकर बाहर निकल गईं और सदन से वॉकआउट कर दिया. सोनिया गांधी के पीछे-पीछे कांग्रेस के सभी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.


राहुल गांधी का पीएम मोदी पर तंज, 'न्यू इंडिया में रिश्वत और कमीशन को चुनावी बॉन्ड कहते हैं'


इस मुद्दे पर एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि बिना प्रधानमंत्री के अनुमति के वित्त मंत्रालय नियमों में बदलाव कर ही नहीं सकता था और प्रधानमंत्री को इस मसले पर सदन में जवाब देना चाहिए, कांग्रेस की मांग है कि इस मसले पर बहस हो और प्रधानमंत्री मोदी जवाब दें.


पिछले दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनावी बॉन्ड को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा था और कहा था कि यह न्यू इंडिया है, इसमें रिश्वत और गैर कानूनी कमीशन को चुनावी बॉन्ड कहा जाता है. राहुल गांधी ने जिस मीडिया खबर का हवाला दिया था उसमें दावा किया गया है कि चुनावी बॉन्ड की व्यवस्था की आधिकारिक घोषणा से पहले रिजर्व बैंक ने इस कदम का विरोध किया था.