Ghulam Nabi Azad के समर्थन में उतरे कांग्रेस नेता मनीष तिवारी, बोले- 'नेताओं के चपरासी देते हैं ज्ञान'
Ghulam Nabi Azad Resignation: कांग्रेस के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है.
![Ghulam Nabi Azad के समर्थन में उतरे कांग्रेस नेता मनीष तिवारी, बोले- 'नेताओं के चपरासी देते हैं ज्ञान' Congress MP Manish Tiwari statement on support ghulam nabi azad resignation Ghulam Nabi Azad के समर्थन में उतरे कांग्रेस नेता मनीष तिवारी, बोले- 'नेताओं के चपरासी देते हैं ज्ञान'](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/27/9af455897596a69028f36a6fb1de98691661580894589539_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
M Tiwari on Ghulam Nabi Resignation: कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (MP M Tiwari) ने गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के समर्थन में बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, "कांग्रेस (Congress) को किसी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. मैंने कांग्रेस पार्टी को 42 साल दिए. मैं इस पार्टी का किरायेदार नहीं, बल्कि सदस्य हूं."
तिवारी ने आगे कहा कि वह गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे को लेकर कुछ अच्छा या बुरा नहीं कहेंगे. उन्होंने अपने तरीके से समझाने की पूरी कोशिश की. कांग्रेस नेताओं के चपरासी जब पार्टी के बारे में ज्ञान देते हैं तो यह हंसी का पात्र होता है. उत्तर भारत के लोग जो हिमालय की चोटी की ओर रहते हैं, यह जज्बाती, खुददार लोग होते हैं. मनीष तिवारी ने कहा, 'दो साल पहले कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा था और कहा था कि पार्टी की स्थिति चिंताजनक है. इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए. उस पत्र के बाद कांग्रेस सभी विधानसभा चुनाव हार गई.'
सचिन पायलट ने इस्तीफे को बताया था दुर्भाग्यपूर्ण
कांग्रेस के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफा देने के बाद अब कांग्रेस सांसद ने मनीष तिवारी का समर्थन किया है. इससे पहले भी कांग्रेस समेत कई पार्टियों के नेता इस मुद्दे को लेकर बयान दे चुके हैं. कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा था कि इस्तीफे और चिट्ठी की जो टाइमिंग है, वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. अभी देश और कांग्रेस दोनों को ही उनकी जरूरत थी.
नई पार्टी बनाएंगे गुलाम नबी आजाद ?
वहीं, अपने इस्तीफे को लेकर खुद गुलाम नबी ने कहा था कि वह कोई राष्ट्रीय पार्टी बनाने के लिए अभी जल्दबाजी में नहीं है लेकिन, जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए वह वहां जल्द ही एक इकाई गठित करने का फैसला करने वाले हैं.
आजाद के इस्तीफा देने पर राजनीतिक हलकों से अलग-अलग प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं. जम्मू और कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि अगर उन्होंने उस समय पार्टी छोड़ी होती जब वह पटरी पर लौट चुकी होती तो ठीक था, लेकिन भंवर के वक्त उसे छोड़ना अच्छी बात नहीं है.
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