नई दिल्ली: आज देश भर में कांग्रेस कार्यकर्ता तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच केरल के त्रिशुर से कांग्रेस के सांसद टीएन प्रतापन ने इन कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. TN प्रतापन ने कानून को हड़बड़ी में पारित बताया है. उन्होंने कहा, ''निजी कंपनियां किसान का शोषण करेंगी. किसान की शिकायत पर सुनवाई की सही व्यवस्था नहीं बनाई गई है. व्यापारी जमाखोरी कर उत्पाद अधिक कीमत पर बेचेंगे.''


वहीं इन कानूनों के विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी कहा है कि वह इन कानूनों को निरस्त कराने के लिए सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.


बता दें कि दिल्ली के इंडिया गेट पर आज विरोध प्रदर्शन कर रहे कुछ कार्यकर्ताओं ने एक ट्रैक्टर को आग लगा दी. इस कारण कुछ लोगों को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है. इन कानूनों के विरोध में बीजेपी की पुरानी सहयोगी रही अकाली दल ने भी राजग से नाता तोड़ दिया. कुछ दिनों पहले ही अकाली दल के कोटे से केंद्र में मंत्री हरसिमरत कौर ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था. पंजाब और हरियाणा के किसान इन कानूनों के विरोध में काफी बड़ी संख्या में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.






पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी कहा है कृषि राज्य का विषय है. इस पर केंद्र सरकार एकतरफा फैसला नहीं ले सकती. यह पूरी तरह असंवैधानिक है. हम सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में याचिका दाखिल करेंगे.




दिल्ली में कार्यकर्ताओं द्वारा ट्रैक्टर जलाने की घटना के बाद बीजेपी ने इस घटना की निंदा की है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने कहा कि अगर मेरा ट्रैक्टर है, मैं इसे जलाता हूं तो किसी को क्या आपत्ति है.





बता दें कि तीन कृषि  विधेयक राज्यसभा में भारी हंगामे के बीच बिना मत विभाजन के पारित हो गया था. इस पर विपक्षी सांसदों ने जमकर बवाल किया. इस वजह से 8 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद सांसदों ने उप सभापति पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए संसद परिसर में ही रात भर धरना दिया था. रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर के साथ ही इन तीनों विधेयकों को कानून के रूप में मान्यता मिल गई.