(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Karnataka Politics: 2028 में कौन होगा CM का दावेदार? अभी से सांसद प्रियंका जारकीहोली ने कर दी भविष्यवाणी
Karnataka: प्रियंका ने आगे कहा कि मैंने अपने पिताजी से कहा है कि वह मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए परेशानी न खड़ी करें. वह पहले से ही चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.
Karnataka Congress Politics: कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री को लेकर चल रही बहस के बीच, चिक्कोडी से कांग्रेस सांसद प्रियंका जारकीहोली ने रविवार (13 अक्टूबर 2024) को कहा कि उनके पिता, लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री सतीश जारकीहोली 2028 के बाद सीएम पद के लिए दावा पेश करेंगे.
उन्होंने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अगले आम चुनावों तक अपना कार्यकाल पूरा करेंगे, जिससे उनके तत्काल रिप्लेसमेंट की अटकलों पर विराम लग गया है. बेलगावी में पत्रकारों से बात करते हुए प्रियंका ने कहा, "पांच साल पहले मेरे पिताजी ने कहा था कि वह 10 साल बाद मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे, और यह अवधि 2028 में समाप्त होगी. उनके पास सरकार का नेतृत्व करने की क्षमता है और वे इसके हकदार हैं."
पिता को दी सिद्धारमैया संग खड़े रहने की सलाह
प्रियंका ने आगे कहा कि मैंने अपने पिताजी से कहा है कि वह मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए परेशानी न खड़ी करें. वह पहले से ही चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. मैंने उनसे इस महत्वपूर्ण समय में उनके साथ खड़े रहने का आग्रह किया है. उन्होंने अपने पिता को लेकर कहा कि बेलगावी के यमकानामराडी निर्वाचन क्षेत्र से चार बार विधायक और विधान परिषद के पूर्व सदस्य सतीश जारकीहोली सिद्धारमैया के कट्टर समर्थक रहे हैं.
वेणुगोपाल ने जारकीहोली की बैठकों पर जताई आपत्ति!
बता दें कि MUDA (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) साइट आवंटन मामले की वजह से सिद्धारमैया को लेकर लगातार सवाल उठ रहा है कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा. इस बीच बुधवार को उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सिद्धारमैया के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की. इस दौरान AICC महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद रहे. हाईकमान की ओर से बोलते हुए वेणुगोपाल ने स्पष्ट किया कि वे कुछ मंत्रियों की ओर से अलग-अलग बैठकें करने से खुश नहीं हैं, जिन्हें सिद्धारमैया के नेतृत्व को कमजोर करने के कदम के रूप में देखा जा रहा है. वेणुगोपाल संभवतः जारकीहोली की ओर से की गई बैठकों का जिक्र कर रहे थे.
सिद्धारमैया की भी पहली पसंद जारकीहोली!
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो जब पद छोड़ने का समय आता है तो किसी नेता की ओर से अपने पद के लिए किसी वफादार की सिफारिश करना आम बात है. अगर ऐसी स्थिति आती है तो सतीश जारकीहोली सिद्धारमैया की पहली पसंद हैं. सूत्रों के अनुसार, जारकीहोली को करीब 40 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जो मुख्य रूप से दलित और पिछड़े समुदायों से हैं. उनके परिवार में तीन विधायक, एक सांसद, एक एमएलसी और कई राजनीतिक रिश्तेदार शामिल हैं, जो उत्तरी कर्नाटक में काफी प्रभाव रखते हैं.
40 से अधिक विधायक हैं जारकीहोली के साथ
सिद्धारमैया के कार्यकाल के बारे में बढ़ती अटकलों के बाद, हाल ही में सतीश जारकीहोली ने दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी. उन्होंने लगभग 40 दलित और पिछड़े वर्ग के विधायकों के एक समूह से भी मुलाकात की और कैबिनेट सहयोगियों से परामर्श करने के लिए मैसूरु की उनकी हालिया यात्रा ने उनके मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षाओं की चर्चा को और बढ़ा दिया. बेलगावी में उनके समर्थकों की ओर से सार्वजनिक समारोह आयोजित किए गए और उन्हें अगला मुख्यमंत्री घोषित करने वाले पोस्टर प्रमुखता से लगाए गए.
बीजेपी अध्यक्ष की मुलाकात ने अलग ही चर्चाओं को दिया जन्म
पिछले हफ़्ते बेंगलुरु में जारकीहोली के घर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र के दौरे ने राजनीतिक सरगर्मी को और बढ़ा दिया, क्योंकि अटकलें लगाई जा रही थीं कि अगर सिद्धारमैया का कार्यकाल समाप्त होने से पहले जारकीहोली नई सरकार की कमान संभालते हैं, तो भाजपा उनका समर्थन कर सकती है.
क्या दी जारकीहोली ने सफाई
वहीं, सतीश जारकीहोली ने सिद्धारमैया के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि वे 2028 से पहले अपने राजनीतिक गुरु को बदलने की कोशिश नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, "मैं अपने गुरु की सीट नहीं छीनूंगा. वे अपना कार्यकाल समाप्त होने तक पद पर बने रहेंगे और मैं 2028 के बाद पद के लिए प्रयास करूंगा."
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