Rahul Gandhi Speech: 'मुझे जो कहना था कह दिया...', हिंदुओं को दिए गए बयान पर कायम राहुल, BJP को दिया मैसेज
Rahul Gandhi on Hindu Remarks: अपने भाषण के कुछ अंश हटाए जाने पर राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुनिया में सच्चाई ‘एक्सपंज' हो सकती है, लेकिन वास्तविकता में ऐसा नहीं हो सकता.
Rahul Gandhi Attack BJP: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की तरफ से हिंदू को लेकर दिए बयान पर हो रहे हमलों पर राहुल गांधी ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि सच्चाई सच्चाई रहती है, चाहे उसे जितना भी मिटाने की कोशिश क्यों न हो. मुझे जो कहना था व मैंने कह दिया.
राहुल गांधी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए एक बार फिर पीएम मोदी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए. राहुल ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उनके भाषण के कुछ अंशों को कार्यवाही से हटाए जाने के बाद मंगलवार को कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुनिया में सच्चाई ‘एक्सपंज' हो सकती है, लेकिन वास्तविकता में ऐसा नहीं हो सकता."
#WATCH अपने भाषण के हटाए गए अंशों पर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, मोदी जी की दुनिया में सच्चाई को मिटाया जा सकता है लेकिन हकीकत में सच्चाई को मिटाया नहीं जा सकता है। जो मैंने कहा और जो मुझे कहना था मैंने कह दिया, वह सच्चाई है, अब उन्हें जो मिटाना है मिटाएं।" pic.twitter.com/54CkzE8bdF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 2, 2024
क्या कहा था राहुल गांधी ने?
दरअसल, राहुल गांधी ने सोमवार (1 जुलाई 2024) को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर देश में सांप्रदायिक आधार पर विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया था. अपने भाषण में राहुल गांधी ने कहा था कि जो खुद को हिंदू कहते हैं वह हिंसा करते हैं. हिंदू कभी हिंसा नहीं कर सकता, कभी नफरत और डर नहीं फैला सकता. इसे लेकर बीजेपी के सांसदों ने हंगामा किया तो राहुल ने कहा कि मेरा मतलब बीजेपी से है.. नरेंद्र मोदी ही हिंदू नहीं हो सकते, बीजेपी ही हिंदू नहीं हो सकती, आरएसएस ही हिंदू नहीं हो सकती. उन्होंने कहा था कि बीजेपी हिंसा फैलाती है. बाद में उनके भाषण के कुछ अंश को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया था.
अलग-अलग धर्मों का जिक्र कर अभय मुद्रा की कही थी बात
राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान सदन में भगवान शिव के अलावा गुरु नानक देव और दूसरे धर्मों का भी जिक्र कर कहा था कि लगभग हर में अभय मुद्रा है. अभय मुद्रा यानी आराम से रहना, हिंसा न करना. उन्होंने भगवान शिव का जिक्र करते हुए कहा था कि भगवान शिव का त्रिशूल हिंसक नहीं है. भगवान शिव हिंसक नहीं हैं.
ये भी पढ़ें
Exclusive: 'सरकार सहन नहीं कर पाती सच्चाई...', भाषण के हिस्सों को हटाने पर भड़के मल्लिकार्जुन खरगे