हाथ में हथौड़ा, सिर पर टोपी... जब रेलवे ट्रैकमैन्स के बीच पहुंचकर राहुल गांधी ने जानी उनकी समस्याएं
राहुल गांधी ने रेलवे ट्रैकमैन्स से मुलाकात कर उनका हाल जाना और उनकी समस्याओं को समझा. उन्होंने कहा, रेलवे को गतिशील और सुरक्षित बनाए रखने वाले ट्रैकमैन के लिए सिस्टम में न कोई प्रमोशन है, न इमोशन.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने रेलवे ट्रैकमैन्स के बीच पहुंचकर उनकी समस्याओं को जाना. राहुल गांधी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वीडियो भी जारी किया है. इसमें राहुल गांधी के हाथ में हथौड़ा नजर आ रहा है. वे सिर पर टोपी लगाए नजर आ रहे हैं. इस दौरान उन्होंने ट्रैकमैन की जैकेट भी पहन रखी थी.
राहुल गांधी ने X पर लिखा, रेलवे को गतिशील और सुरक्षित बनाए रखने वाले ट्रैकमैन भाइयों के लिए सिस्टम में न कोई प्रमोशन है, न ही इमोशन. भारतीय रेल कर्मचारियों में ट्रैकमैन सबसे ज्यादा उपेक्षित हैं, उनसे मिल कर उनकी समस्याओं और चुनौतियों को समझने का मौका मिला.
रेलवे को गतिशील और सुरक्षित बनाए रखने वाले ट्रैकमैन भाइयों के लिए सिस्टम में ‘न कोई प्रमोशन है, न ही इमोशन’।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 3, 2024
भारतीय रेल कर्मचारियों में ट्रैकमैन सबसे ज्यादा उपेक्षित हैं, उनसे मिल कर उनकी समस्याओं और चुनौतियों को समझने का मौका मिला।
ट्रैकमैन 35 किलो औजार उठाकर रोज 8-10 कि.मी.… pic.twitter.com/OL1Q49CLLN
8-10 किमी पैदल चलते हैं ट्रैकमैन- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने लिखा, ट्रैकमैन 35 किलो औजार उठाकर रोज 8-10 किमी पैदल चलते हैं. उनकी नौकरी ट्रैक पर ही शुरू होती है और वो ट्रैक से ही रिटायर हो जाते हैं. जिस विभागीय परीक्षा को पास कर दूसरे कर्मचारी बेहतर पदों पर जाते हैं, उस परीक्षा में ट्रैकमैन को बैठने भी नहीं दिया जाता.
रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने लिखा, ट्रैकमैन भाइयों ने बताया कि हर साल करीब 550 ट्रैकमैन काम के दौरान दुर्घटना का शिकार होकर जान गंवा देते हैं, क्योंकि उनकी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं.
ट्रैकमैन को रक्षक यंत्र मिले- राहुल गांधी
राहुल ने लिखा, विपरीत परिस्थितियों में बिना बुनियादी सुविधाओं के दिन-रात कड़ी मेहनत करने वाले ट्रैकमैन भाइयों की इन प्रमुख मांगों को हर हाल में सुना जाना चाहिए.
1. काम के दौरान हर ट्रैकमैन को रक्षक यंत्र मिले, जिससे ट्रैक पर ट्रेन आने की सूचना उन्हें समय से मिल सके.
2. ट्रैकमैन को विभागीय परीक्षा (LDCE)के जरिए तरक्की का अवसर मिले.
ट्रैकमैन की तपस्या से ही करोड़ों देशवासियों की सुरक्षित रेल यात्रा पूरी होती है, हमें उनकी सुरक्षा और तरक्की दोनो सुनिश्चित करनी ही होगी.