कांग्रेस सांसद ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान उठाया मुद्दा, कहा-शादियों में अधिकतम 50 बाराती और हों 11 पकवान
कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल ने सरकार से आग्रह किया कि अब कानून बनाना चाहिए कि शादियों में 50 से ज्यादा बाराती नहीं हों और 11 से ज्यादा व्यंजन नहीं हों.
कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल ने बुधवार को लोकसभा में केंद्र सरकार से आग्रह किया कि शादियों में अधिकतम 50 बाराती और 11 पकवान की बाध्यता सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाया जाए. उन्होंने सदन में शून्यकाल के दौरान यह मांग उठाई.Congress president Sonia Gandhi o
शादियों में होता है खर्च
गिल ने कहा कि हमारे देश में शादियों में बहुत खर्च होता है, बहुत सारे लोग बुलाए जाते हैं और कई तरह के पकवान बनते हैं. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि अब कानून बनाना चाहिए कि शादियों में 50 से ज्यादा बाराती नहीं हों लड़की वालों की तरफ से भी 50 से ज्यादा लोग नहीं हों और 11 से ज्यादा व्यंजन नहीं हों.
गिल ने कहा कि पड़ोसी देश में पाकिस्तान में ऐसा कानून बना है और यहां भी यह कानून बनाने की जरूरत है. इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह कानून से नहीं बल्कि अपनी इच्छा शक्ति से होगा. सांसद खुद ऐसा करने लग जाएं तो पूरा देश भी ऐसा कर लेगा.
संसद में क्या होता है शून्यकाल
संसद की कार्रवाई के दौरान संसद में शून्यकाल या प्रश्नकाल का एक हिस्सा होता है. यह टाइम राज्यसभा और लोकसभा में अलग अलग होता है. अगर लोकसभा की बात करें तो लोकसभा की कार्यवाही में पहला घंटा (11 से 12 बजे) प्रश्नकाल कहा जाता है. प्रश्नकाल के दौरान सदस्य प्रशासन और सरकार के कार्यकलापों के प्रत्येक पहलू पर सवाल पूछते हैं. प्रश्नकाल के दौरान सरकार से सवाल पूछते हुये उस विभाग के प्रत्येक मंत्री को संबंधित विभाग से प्रश्न पूछते हैं.