Rakibul Hussain on Carrom: असम की धुबरी लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद रकीबुल हुसैन ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान कैरम का मुद्दा उठाया. उन्होंने बताया कि किस तरह से इस खेल को लेकर बात नहीं होती है, जबकि कैरम खेलने वाले लोगों को सरकारी नौकरियां तक मिलती हैं. कांग्रेस सांसद ने अपने भाषण में उन सभी विभागों का जिक्र किया, जहां कैरम खिलाड़ियों को नौकरी दी जाती है. रकीबुल हुसैन खुद ऑल इंडिया कैरम फेडरेशन के अध्यक्ष भी हैं. 


रकीबुल हुसैन ने कहा कि मुझे ओलंपिक को लेकर खिलाड़ियों की तैयारियों पर बोलने के लिए कहा गया, लेकिन जब खिलाड़ी चले गए हैं तब इस पर चर्चा की क्या जरूरत है. उन्होंने कहा कि मैं ओलंपिक खिलाड़ियों की तैयारियों को लेकर कुछ नहीं कहना चाहता हूं. मैं इस बात को जानता हूं कि हमारे खिलाड़ियों का प्रदर्शन बहुत अच्छा होगा. इसके बाद उन्होंने कहा कि मैं एक ऐसे खेल के बारे में बोलना चाहता हूं जो देश के आम आदमी से जुड़ा हुआ है. 


कैरम खेलने से कहां मिलती है नौकरी? 


कांग्रेस सांसद ने कहा कि कैरम खेल की उत्पत्ति भारत में हुई, लेकिन आज जब इस पर चर्चा करूंगा तो उन सभी गरीब लड़के-लड़कियों को पता चलेगा कि वे इस खेल को खेलकर अपने घर को चला सकते हैं. उन्होंने कहा कि बहुत ही कम लोगों को मालूम है कि कैरम खेलने की वजह से नौकरी भी मिलती है. एयर इंडिया, बीएसएनएल, सीएजी, डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी, एलआईसी, एसबीबीपी, नबार्ड, प्रमुख पोर्ट्स, आरबीआई, एएआई जैसे संस्थानों में कैरम खिलाड़ियों को नौकरी दी जाती है.


कैरम को ओलंपिक में शामिल करवाया जाए: रकीबुल हुसैन


रकीबुल हुसैन ने कहा कि बहुत ही कम लोगों को इस बात की भी जानकारी है कि कैरम खिलाड़ियों को अर्जुन अवार्ड भी मिलता है. तमिलनाडु के एंथोनी मारिया इरुदायम को सरकार ने अर्जुन अवार्ड दिया था. उन्होंने कहा कि ओलंपिक में तीन कैटेगरी में खेल होते हैं. पहली कैटेगरी हाई प्रायोरिटी, दूसरी कैटेगरी सेकेंड प्रायोरिटी और तीसरी कैटेगरी अन्य खेल की होती है. कैरम अभी तक किसी भी प्रायोरिटा में नहीं है. मैं सरकार से गुजारिश करता हूं कि वह कैरम को ओलंपिक में शामिल करवाए. 


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