'पप्पू यादव की बीवी क्यों बोलते हो', जब भड़क गईं कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन?
Ranjeet Ranjan News: रंजीत रंजन ने कहा कि हम पुरुषों पर डिपेंड क्यों होते हैं, हमें सशक्त होना होगा, इस माइंडसेट के साथ खुद आगे आना होगा कि हमारी अपनी पहचान हो. मैंने 2004 से 2009 तक ये काफी झेला है.
Ranjeet Ranjan Latest News: पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव अक्सर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं. इस बीच उनकी पत्नी और कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने अपनी पहचान और पप्पू यादव को लेकर ऐसी बात कही है जिसकी खूब चर्चा हो रही है.
दरअसल, रंजीत रंजन ने इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में बताया कि जब उन्हें या किसी दूसरी महिला को कोई वाइफ ऑफ दिस एंड दैट (यानी पति का नाम) कहता है तो बहुत गुस्सा आता है. उनका कहना है कि महिलाओं की खुद की अपनी पहचान क्यों नहीं हो सकती. क्यों लोग उनकी पहचान उनके पति से जोड़कर करते हैं. पति की पहचान पत्नी से क्यों नहीं हो सकती.
'मुझे भी इस दिक्कत से काफी गुजरना पड़ा है'
रंजीत रंजन ने बताया कि मुझे भी इस दिक्कत से काफी गुजरना पड़ा है. अक्सर लोग यही कहते हैं कि आप फलां की पत्नी हैं.. वह कहती हैं, “मेरे पापा आर्मी में थे. शुरू से ही मैं मजबूत थी. हमें शुरू से ही खुद को सशक्त करने के बारे में सिखाया गया. लेकिन ऐसा नहीं है कि लोगों ने टिप्पणी नहीं की, लेकिन हमने इसका विरोध किया.”
'पुरुषों पर डिपेंड क्यों, हमें सशक्त होना होगा'
रंजीत रंजन ने आगे कहा, हम पुरुषों पर डिपेंड क्यों होते हैं, हमें सशक्त होना होगा, इस माइंडसेट के साथ खुद आगे आना होगा कि हमारी अपनी पहचान हो. मैं 2004 में जब सबसे पहले सांसद बनकर आई तो ये सब झेलना पड़ा था. मुझे कई लोग कहते थे कि मैं वाइफ ऑफ फलां हूं. मैं इसके लिए बहुत लड़ी हूं. मैं लोगों को टोकते हुए कहती थी कि आप ये नहीं कह सकते कि ही इज हसबैंड ऑफ दिस एंड दैट.
'सभी महिलाओं के साथ है इस तरह की समस्या'
उन्होंने आगे कहा, “ये समस्या सभी महिलाओं के साथ है. मुझे पांच साल ये झेलना पड़ा. मैंने अक्सर इसका विरोध किया. जब पहली बार लोकसभा सांसद बनकर आई तो एक पत्रकार ने फोन कर बधाई दी और पूछा कि कौन सा घर ले रही हैं. मैंने कहा कि जो नए सांसदों को मिलता है, इस पर उन्होंने जवाब दिया कि आप तो उनकी वाइफ हैं. मैंने कहा क्यों... वो दिन था और आज का दिन है... तब मैंने कहा था कि मेरी आवाज और काम बताएगा कि मुझे कब बंगला मिलना है और कब फ्लैट मिलना है. मुझे अपने आप पर गर्व है.”
रंजीत कहती हैं कि ये काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग महिलाओं को आंकने का काम इस आधार पर करते हैं कि ये किसकी पत्नी है. भले ही वह कितने पढ़े लिखे हों. मैं सबसे कहना चाहूंगी कि इस सोच को दिमाग से निकालो. हम आप से ज्यादा सक्षम हैं.
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