Shashi Tharoor and Rajeev Chandrasekhar Fight Over AIIMS: केरल में प्रस्तावित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की जगह को लेकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर आपस में भिड़ गए हैं. दोनों के बीच जुबानी जंग चल रही है. लोकसभा चुनाव 2024 में तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से चंद्रशेखर को हराकर लगातार चौथी बार सांसद बने शशि थरूर ने कहा कि कोई भी सांसद अपनी पसंद की जगह पर एम्स बनाने का वादा नहीं कर सकता.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में थरूर ने कहा कि उन्होंने तिरुवनंतपुरम लोकसभा क्षेत्र में एम्स बनाने के लिए तमाम प्रयास किए. यहां एम्स के लिए सबकुछ ओके था, लेकिन इसके बावजूद केंद्र सरकार ने कोझिकोड जिले में एम्स बनाने के केरल सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है.
'मैंने ईमानदारी से मतदाताओं को बताया था सच'
शशि थरूर ने आगे लिखा, "मैंने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि कोई भी सांसद अपनी पसंद के किसी भी स्थान पर एम्स बनाने का वादा नहीं कर सकता. यह इस बात पर निर्भर करता है कि राज्य सरकार क्या प्रस्ताव देती है और केंद्र सरकार क्या सहमत होती है. मेरे सर्वोत्तम प्रयासों और मेरे निर्वाचन क्षेत्र में एम्स के लिए गहन पैरवी के बावजूद, मैंने ईमानदारी से मतदाताओं से कहा कि राज्य सरकार ने कोझिकोड को चुना है और केंद्र के पास यही एकमात्र विकल्प था."
अगर बीजेपी का सांसद होता तो स्थिति अलग होती - चंद्रशेखर
थरूर ने आगे कहा, "उन भाजपा उम्मीदवारों पर शर्म आनी चाहिए जिन्होंने इसके विपरीत वादा करके मतदाताओं को गुमराह किया." वहीं दूसरी ओर थरूर की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए चंद्रशेखर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सांसद, जिन्होंने 15 वर्षों तक तिरुवनंतपुरम का प्रतिनिधित्व किया है, ने अपना कोई भी वादा पूरा नहीं किया है. उन्होंने दावा किया कि अगर तिरुवनंतपुरम का प्रतिनिधित्व कोई भाजपा सांसद करता तो स्थिति अलग होती और वे इसके लिए लड़ते. चंद्रशेखर ने जोर देकर कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले पांच वर्षों में तिरुवनंतपुरम के लोगों के लिए थरूर से अधिक काम करेंगे. उन्होंने थरूर को चिकनी-चुपड़ी बातें करने वाला, कुछ न करने वाला और झूठ बोलने वाला बताया.
लोकसभा चुनाव के दौरान राजीव चंद्रशेखर ने किया था वादा
बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले तिरुवनंतपुरम सीट के लिए एनडीए उम्मीदवार राजीव चंद्रशेखर ने आश्वासन दिया था कि सांसद चुने जाने के बाद वह निर्वाचन क्षेत्र में एम्स लाने का हर संभव प्रयास करेंगे. हालांकि चंद्रशेखर को यहां से हार का सामना करना पड़ा था.
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