Bangladesh Violence: 'दोस्ती के हर प्रतीक पर हमला, अब चुप रहना मुश्किल', बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों को लेकर थरूर ने क्या कहा?
Bangladesh News: शशि थरूर ने कहा कि हिंसा के दौरान जिस तरह पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण की प्रतिमा को तोड़ा गया, भारतीय सांस्कृतिक केंद्र को नष्ट किया गया वह भारत के लिए नकारात्मक संकेत बन गया है.
Shashi Tharoor on Bangladesh Violence: बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने वहां हो रहे हिंदुओं पर हमले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. शशि थरूर ने कहा है कि भारत में लोगों के लिए तब उदासीन रहना मुश्किल है, जब बांग्लादेश के साथ देश की दोस्ती के हर प्रतीक पर वहां हमला हो रहा है.
बांग्लादेश में उथल-पुथल की ओर इशारा करते हुए, थरूर ने कहा कि यह देखना दुखद है कि जिसे लोकतांत्रिक क्रांति के रूप में सराहा गया था, वह अराजकता में बदल गया है और अल्पसंख्यकों और हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर हिंसा की जा रही है. न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में थरूर ने कहा, "यह बेहद दुखद है... अल्पसंख्यकों और हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर हिंसा की जा रही है... हमें भारत में इन लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए."
'बांग्लादेश में हिंसा नकारात्मक संकेत'
शशि थरूर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे चल रही हिंसा के दौरान कई संस्थानों में तोड़फोड़ की गई, जिससे यह भारत के लोगों के लिए बहुत नकारात्मक संकेत बन गया. थरूर ने कहा, "भारतीय सैनिकों के सामने पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण की प्रतिमा को तोड़ दिया गया है. भारतीय सांस्कृतिक केंद्र को नष्ट कर दिया गया है, इस्कॉन मंदिर सहित कई संस्थानों में तोड़फोड़ की गई है. ये सभी चीजें भारत के लोगों के लिए बहुत नकारात्मक संकेत हैं. इस तरह से सामने आना बांग्लादेश के हित में भी नहीं है." उन्होंने कहा कि बेशक वहां लोकतंत्र की बहाली की प्रक्रिया फिर से की जा रही है, लेकिन आप विशेष रूप से एक अल्पसंख्यक के खिलाफ हो रहे हैं, जो ठीक नहीं है.
हिंदू समुदाय और बांग्लादेश सेना के बीच झड़प
बता दें कि 5 अगस्त को बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर भारत आ जाने के बाद से बांग्लादेश एक अस्थिर राजनीतिक स्थिति से गुजर रहा है. देश में हिंसा के दौरान लापता हुए अपने परिवार के सदस्यों के पोस्टर के साथ विरोध कर रहे अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोगों और बांग्लादेशी सेना के जवानों के बीच मंगलवार (13 अगस्त 2024) को झड़प हुई. ये सभी हिंदू ढाका में जमुना स्टेट गेस्ट हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जहां बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस रह रहे हैं.
मोहम्मद यूनुस ने की अल्पसंख्यकों संग बैठक
दूसरी तरफ मंगलवार सुबह बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने ढाका में ऐतिहासिक ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा किया. वहां उन्होंने बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को देश में उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया. बांग्लादेश के अखबार डेली स्टार ने प्रोफेसर यूनुस के हवाले से कहा, "सभी के अधिकार समान हैं. हम सभी एक ही व्यक्ति हैं और हमारे पास एक ही अधिकार हैं. हमारे बीच कोई भेदभाव न करें. कृपया हमारी सहायता करें. धैर्य रखें और बाद में फैसला करें कि हम क्या कर पाए और क्या नहीं. अगर हम असफल होते हैं, तो हमारी आलोचना करें."
मुस्लिम समुदाय ने भी की हिंदुओं संग चर्चा
यूनुस की यात्रा के बाद मंदिर में मुस्लिम समुदाय और हिंदू अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधियों के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. यह बैठक खुली बातचीत के लिए एक मंच के रूप में काम आई, जहां दोनों समुदायों ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की और सांप्रदायिक सद्भाव को मजबूत करने की दिशा में काम किया.
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