नई दिल्ली: महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनने का रास्ता लगभग साफ हो चुका है. वृहद स्तर पर तीनों दलों के बीच सरकार बनाने को लेकर सहमति बन गई है. शिव सेना के सूत्रों के मुताबिक अगले 3 दिनों के भीतर सरकार शपथ ले लेगी.


सूत्रों के मुताबिक, न्यूनतम साझा कार्यक्रम तकरीबन तैयार है. तीनों ही दल एक दूसरे के वैचारिक धरातल का सम्मान करते हुए आगे बढ़ेंगे. ना तो कट्टर हिंदुत्व को बढ़ावा दिया जाएगा और ना ही मुस्लिम तुष्टिकरण को बढ़ावा दिया जाएगा.


इसके लिए बाकायदा 12 सदस्यों वाला कोआर्डिनेशन कमेटी का गठन किया जाएगा. इस कोआर्डिनेशन कमेटी के ऊपर सुपर कमेटी होगी. इस कमेटी में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी के प्रमुख शरद पवार होंगे.


महत्वपूर्ण मसलों पर या टकराव वाले मसलों पर सुपर कमेटी आपस में एक दूसरे से चर्चा कर या बैठक करके मसले को सुलझाएगी. जबकि रोजमर्रा के मुद्दों पर 12 सदस्य कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठकें होंगी. कोआर्डिनेशन कमेटी में तीनों दलों के चार -चार नेता शामिल होंगे. इसमें विधायक दल के नेता, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश संगठन प्रभारी सहित पार्टी की ओर से नामांकित सदस्य होंगे. न्यूनतम साझा कार्यक्रम को लागू करने के लिए हर 15 दिन कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक होगी.


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सरकार का और न्यूनतम साझा कार्यक्रम का फोकस गांव गरीब और किसान होगा. किसान की कर्ज माफी किसान के खेत तक पानी 24 घंटे बिजली आपूर्ति हर साल निश्चित रोजगार जैसे मुद्दे न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल किए गए किसानों की कर्ज माफी के लिए 7 बटा 15 के नियम को लागू किया जाएगा. यानी कर्ज माफी के लिए जो नियम अपनाए जाएंगे उसमें किसान की कर्ज माफी तभी पूरी मानी जाएगी जब कर्ज के लिए रखे गए जमीन की रजिस्ट्री के कागज किसान को लौटा दिए जाएंगे. इससे पहले जब भी सरकारों ने किसान की कर्ज माफी की है तो गिरवी रखे गए जमीन के कागज नहीं लौटाए गए.


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