नई दिल्ली: मोदी सरकार के सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए 10 फीसदी आरक्षण के फैसले पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा है. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि देश में न रोटी है औ न रोजगार है. कांग्रेस ने यह भी कहा है कि हम रोजगार में 10 फीसदी आरक्षण के पक्ष में तो है लेकिन मूलभूत सवाल ये है कि मोदी सरकार युवाओं को रोजगार देगी कब?
देश में इस वक्त न रोटी है और न रोजगार- कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है, ‘’मोदी सरकार कभी नोटबंदी लेकर आई तो कभी गब्बर सिंह टैक्स लेकर आई. इससे देश को अरबों रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है.’’ उन्होंने कहा, ‘’देश में इस वक्त न रोटी है और न रोजगार है. देश में बेरोजगारी की दर 7.3 फीसदी है.’’ कांग्रेस ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि साल 2018 में देश में एक करोड़ 10 लाख नौकरियां चली गईं और इसकी जिम्मेदार मोदी सरकार है.
कांग्रेस ने सरकार की इस घोषणा के समय को लेकर सवाल खड़े करते करते हुए यह दावा भी किया कि लोकसभा चुनाव से चंद महीने पहले के इस फैसले को लेकर प्रधानमंत्री की नीयत पर सवाल खड़े होते हैं. साथ ही यह आशंका पैदा होती है कि कहीं यह भी 'जुमला न बन जाए'.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला कहा, ''कांग्रेस पार्टी हमेशा से आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों के आरक्षण और उत्थान की समर्थक रही है. दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के आरक्षण से कोई छेड़छाड़ नहीं हो और इसके साथ ही आर्थिक गरीबों के बच्चों को शिक्षा और रोजगार में आरक्षण मिले, हम इसमें समर्थन और सहयोग करेंगे.''
सुरजेवाला ने कहा, ''सवाल यह भी है कि जब लोकसभा का चुनाव नजदीक आ गया तब आर्थिक रूप से गरीब लोगों की याद क्यों आई? इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीयत पर सवाल खड़े होते हैं.'' सुरजेवाला ने दावा किया, ''गब्बर सिंह टैक्स से दो करोड़ रोजगार खत्म हो गए, व्यापार चौपट हो गए. यह भी सच है कि आज रोजगार नहीं हैं, बल्कि लोगों का रोजगार जा रहा है. हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा करके सत्ता में आए मोदी जी चार साल और आठ महीने में नौ लाख भी रोजगार नहीं दे पाए.''
कांग्रेस प्रवक्ता ने एक सवाल के जवाब में कहा, ''कांग्रेस का मानना है कि आर्थिक रूप से गरीब लोगों के बच्चों को शिक्षा और रोजगार में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए. इसलिए हम इसको लेकर उठाए गए हर कदम को समर्थन देंगे और सहयोग करेंगे.''
सुरजेवाला ने कहा, ''हम यह भी कहना चाहते हैं कि मोदी जी, नौकरियों में आरक्षण दीजिए, लेकिन युवा कह रहे हैं कि नौकरियां भी दीजिए. कहीं आरक्षण का यह वादा भी जुमला बन जाए.'' बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण को मंजूरी दी है.
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