Congress On CBI-ED Ordinances: अध्यादेश के ज़रिए सीबीआई और ईडी प्रमुखों के कार्यकाल को 2 साल से बढ़ाकर पांच साल तक करने को लेकर विपक्ष केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर है. इस मामले में तृणमूल कांग्रेस शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में वैधानिक प्रस्ताव पेश करेगी. जबकि कांग्रेस ने कहा कि सरकार इन संस्थानों को परफॉर्मेंस के आधारा पर कंट्रोल करना चाहती है.
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा, "मूल शब्द है एक्सटेंशन. इसका मतलब है कि मोदी सरकार को इस अध्यादेश के जरिए पदासिन का कार्यकाल बढ़ाना है. पदासिन अधिकारी हर वर्ष प्रोबेशन में रहेगा. ये प्रोबेशन जैसा है कि सरकार इन संस्थानों को परफॉर्मेंस के आधार पर कंट्रोल करना चाहती है. दो साल के बाद हर साल आपका विश्लेषण कर के एक्सटेंशन दूंगा... और ऐसा करवा के काम कराऊंगा आपसे."
सिंघवी ने भारतीय जानता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा, "बीजेपी जानबूझकर अपनी सुरक्षा के लिए संस्थानों को कमज़ोर कर रही है. अध्यादेश उसी का एक उदाहरण है." अध्यादेश लाकर एक्सटेंशन देने पर उन्होंने कहा कि ऐसा तब हुआ है जब अभी अभी सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने कहा है कि अब आगे एक्सटेंशन नहीं दे सकते तो अध्यादेश ले आए. सरकार के इस कदम पर उन्होंने कहा कि उन्हें अपने दोस्तों को बचाना है और विपक्ष को दबाना है.
सिंघवी ने सवाल किया कि सरकार ने क्यों नहीं फिर सिंपल एक कानून बना दिया कि सबका कार्यकाल पांच वर्ष का होगा? ऐसा क्यों कि एक्सटेंशन देंगे अपनी मर्ज़ी से. उन्होंने दावा किया कि ये निजी रुचि और डर के चलते है न कि पब्लिक के फायदे के लिए. आपने संसद संत्र से महज 15 दिन पहले एक बार फिर संसद के अधिकार को कमजोर कर दिया.
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने क्या कहा?
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सीबीआई और ईडी के निदेशकों का कार्यकाल बढ़ाने संबंधी अध्यादेशों की कांग्रेस की ओर से आलोचना किए जाने को लेकर उस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ‘नकारात्मक और विध्वंसक राजनीति’ करने वाले लोग खुद का नुकसान करते हैं. नकवी ने कहा, ‘‘इसी तरह के आरोपों के मंतर ने कांग्रेस को छूमंतर कर दिया। ऐसी नकारात्मक और विध्वंसक राजनीति करने वाले अपना ही नुकसान करते हैं.’’
टीएमसी ने साधा निशाना
टीएमसी के राज्यसभा में पार्टी के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने ट्विटर पर कहा, “निर्लज्जता से लाए गए दो अध्यादेशों में ईडी और सीबीआई के निदेशकों का कार्यकाल दो साल से बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया. संसद का शीतकालीन सत्र अब से दो सप्ताह में शुरू होने वाला है. आश्वस्त रहें, विपक्षी दल भारत को निर्वाचित तानाशाही में बदलने से रोकने के लिए सबकुछ करेंगे.”