Congress: कांग्रेस ने गुरुवार को निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि वह कोविड-19 की स्थिति पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों से परामर्श करे, सरकार से आंकड़े मांगे और पांच राज्यों में चुनाव कराने के बारे में स्वतंत्र निर्णय ले ना कि "दंतविहीन बाघ" की तरह काम करे. मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा की लखनऊ में की गई इस टिप्पणी पर सभी राजनीतिक दलों ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए समय पर चुनाव कराने का समर्थन किया है.


कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति के बारे में विवरण मोदी सरकार के पास है, न कि राजनीतिक दलों के पास. अगले साल की शुरुआत में पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में चुनाव होना है. सुरजेवाला ने यहां एक बयान में कहा, "एक दंतविहीन बाघ की तरह काम करने के बजाय, निर्वाचन आयोग को मोदी सरकार से डेटा मांगना चाहिए. इसे सभी पार्टियों के साथ साझा करना चाहिए. स्वास्थ्य विशेषज्ञों-महामारी विज्ञानियों-विषाणु विज्ञानियों से सलाह लेनी चाहिए और स्वतंत्र निर्णय लेना चाहिए."


ईसीआई की जिम्मेदारी है- सुरजेवाला


सुरजेवाला ने आगे कहा, "चुनावों की संवैधानिक जिम्मेदारी पूरी तरह से भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की है." कांग्रेस नेता ने निर्वाचन आयोग से कहा कि कोविड-19 का देशव्यापी डेटा, इसके प्रसार, दोगुना होने का समय, जीनोम अनुक्रमण के परिणाम और ओमिक्रॉन स्वरूप के खिलाफ टीके के प्रभाव से संबंधित आंकड़ा मोदी सरकार के पास है, न कि राजनीतिक दलों के पास.


सुरजेवाला ने कहा कि क्या निर्वाचन आयोग को पता है कि 47.95 करोड़ भारतीयों को अभी टीके की 59.40 करोड़ खुराक दी जानी हैं. उन्होंने कहा, "बुजुर्गों और 15-18 साल के लोगों के लिए बूस्टर खुराक के वास्ते नई जोड़ी गईं श्रेणियों में अतिरिक्त 25.70 करोड़ लोगों को 35.70 करोड़ खुराक की आवश्यकता होगी. ओमीक्रोन के आने के साथ, हमें 95.10 करोड़ खुराक की आवश्यकता है."


सुरजेवाला ने किया ये सवाल


सुरजेवाला ने कहा कि क्या निर्वाचन आयोग ने मोदी सरकार से भी कोविड-19, विशेष रूप से ओमीक्रोन स्वरूप, टीकाकरण योजना और समयसीमा और टीके के प्रभाव का डेटा साझा करने को कहा है. उन्होंने चुनाव इकाई पर महामारी की पहली लहर के दौरान एक "मूकदर्शक" बने रहने का आरोप लगाया और कहा कि उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी "नमस्ते ट्रंप" कार्यक्रम पर आगे बढ़े और बंगाल और अन्यत्र जन-आशीर्वाद यात्रा और बड़ी चुनावी रैली कीं.


इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 23 दिसंबर को सुझाव दिया था कि ओमीक्रोन संबंधी तीसरी संभावित कोविड लहर के कारण केंद्र सरकार को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को स्थगित करने पर विचार करना चाहिए. इससे पहले दिन में मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने लखनऊ में कहा कि उत्तर प्रदेश में सभी राजनीतिक दल चाहते हैं कि विधानसभा चुनाव कोविड प्रोटोकॉल सुनिश्चित करते हुए निर्धारित समय के अनुसार हो. उन्होंने राज्य सरकार से कोविड रोधी टीकाकरण बढ़ाने को भी कहा.


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