नई दिल्ली: महाराष्ट्र में अगली सरकार को लेकर जारी सस्पेंस के बीच लगातार बैठकें हो रही है. आज एनसीपी प्रमुख शरद पवार नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले. इस मुलाकात के ठीक बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता बाला साहेब थोराट, पृथ्वीराज चौहान और नसीम खान से मिले. अब महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं से मुलाकात होगी.


प्रधानमंत्री मोदी की शरद पवार की मुलाकात के बाद कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. इन सब के बीच कांग्रेस के शीर्ष सूत्रों ने आज ये दावा किया कि महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गैर बीजेपी सरकार दिसंबर के पहले हफ्ते में बन जाएगी. कांग्रेस के कुछ सूत्रों ने दावा किया कि इसके लिए तीनों दलों में सहमति बन गई है.


हालांकि गैर बीजेपी सरकार गठन का दावा करने के बावजूद कांग्रेस के कुछ सूत्रों ने ये भी स्पष्ट कर दिया कि अगर शिवसेना किसी भी तरह का सांप्रदायिक एजेंडा चलाएगी तो कांग्रेस उस सरकार से तुरंत बाहर आ जाएगी. सूत्रों ने दावा किया कि दिसंबर के पहले हफ्ते तक सरकार गठन को लेकर सहमति बन गई है और इसलिए कांग्रेस और शिवसेना के बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर अमली-जामा पहनाया जा रहा है.


बता दें कि शरद पवार ने महाराष्ट्र के राजनीतिक हालातों पर चर्चा के लिए सोमवार को नई दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद शरद पवार ने दावा किया था कि सोनिया गांधी से सरकार गठन को लेकर चर्चा नहीं हुई.


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महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं और बहुमत के लिये जरूरी आंकड़ा 145 विधायकों का है. बीजेपी और शिवसेना ने क्रमश: 105 और 56 सीटें जीतकर बहुमत का आंकड़ा आसानी से हासिल कर लिया था लेकिन मुख्यमंत्री पद पर साझेदारी को लेकर दोनों में सहमति नहीं बनी और सरकार भी नहीं बन पाई.


कांग्रेस और एनसीपी के बीच भी चुनाव पूर्व गठबंधन था और उन्होंने क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती थीं. महाराष्ट्र में किसी भी दल की तरफ से सरकार बनाने के लिए दावा नहीं किए जाने के बाद राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है.


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