'ब्लडबाथ...', संसद सत्र से 78 विपक्षी सांसदों को निलंबित किए जाने पर भड़की कांग्रेस
MPs Suspension: संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र से अब तक 92 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है. सोमवार को 78 सांसद निलंबित हुए. इनमें जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल भी शामिल हैं.
Congress On MPs Suspension: संसद के शीतकालीन सत्र की शेष अवधि से सोमवार (18 दिसंबर) को सांसदों को निलंबित किए जाने पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश और केसी वेणुगोपाल भी निलंबित किए गए सदस्यों में शामिल हैं.
सोमवार (18 दिसंबर) को दोनों सदनों से मिलाकर 78 सांसदों को निलंबित किया गया, जिनमें लोकसभा से 33 और राज्यसभा से 45 सांसद शामिल हैं. संसद की सुरक्षा में चूक के मामले को लेकर हंगामा होने पर सांसदों को निलंबित किया गया है. अब तक इस सत्र में दोनों सदनों में कुल 92 सांसदों को निलंबित किया जा चुका है.
जयराम रमेश ने निलंबन को देश में लोकतंत्र की हत्या करार दिया है. वहीं केसी वेणुगोपाल ने कहा कि बीजेपी का एकमात्र मकसद विपक्ष की आवाज दबाना है.
क्या बोले जयराम रमेश?
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने आधिकारिक X हैंडल से एक पोस्ट में कहा, ''सिर्फ लोकसभा में ही नहीं, आज राज्यसभा में भी ब्लडबाथ हुआ और 13 दिसंबर को हुई सुरक्षा चूक पर गृह मंत्री के बयान की मांग करने और नेता प्रतिपक्ष को बोलने की इजाजत देने की मांग करने पर INDIA की पार्टियों के 45 सांसदों को निलंबित कर दिया गया. मैं भी अपने 19 साल के संसदीय करियर में पहली बार इस सम्मान सूची में शामिल हूं. यह भारत में लोकतंत्र की हत्या है (मोदी) काम पर हैं!''
एक और पोस्ट में जयराम रमेश ने कहा कि तानाशाही का दूसरा नाम मोदीशाही है. यह सिर्फ सांसदों का नहीं, लोकतंत्र का निलंबन है.
Not only in the Lok Sabha, today was a bloodbath in the Rajya Sabha with 45 INDIA party MPs getting suspended for demanding a statement by the Home Minister on the December 13th security breach, and for demanding that the Leader of the Opposition be allowed to speak.… https://t.co/iwQN4G8yPZ
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 18, 2023
केसी वेणुगोपाल ने क्या कहा?
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कहा, ''संसद चर्चा और बहस के लिए है. जनता की आवाज उठाने वाले सांसदों को निलंबित कर बीजेपी का एकमात्र मकसद पूरे विपक्ष की आवाज को दबाना है.''
राज्यसभा में इन सांसदों को किया गया निलंबित
राज्य सभा से जिन सांसदों को निलंबित किया गया, उनमें कांग्रेस से प्रमोद तिवारी, जयराम रमेश, अमी याज्ञिक, नारणभाई जे राठवा, सैयद नासिर हुसैन, फूलो देवी नेताम, शक्तिसिंह गोहिल, केसी वेणुगोपाल, रजनी पाटिल, रंजीत रंजन, इमरान प्रतापगढ़ी, रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल हैं.
इनके अलावा सुखेन्दु शेखर रे, मोहम्मद नदीमुल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांतनु सेन, मौसम नूर, प्रकाश चिक बड़ाइक, समीरुल इस्लाम (सभी तृणमूल कांग्रेस), एम. शनमुगम, एन.आर. एलानगो, कनिमोझी एनवीएन सोमू और आर गिरिराजन (डीएमके) भी निलंबित किए गए हैं.
निलंबित किए गए सदस्यों में मनोज कुमार झा और फैयाज अहमद (आरजेडी), वी. शिवदासन (माकपा), रामनाथ ठाकुर और अनिल प्रसाद हेगड़े (जेडीयू), वंदना चव्हाण (एनसीपी), रामगोपाल यादव, जावेद अली खान (सपा), महुआ माजी (झामुमो), जोस के. मणि और अजीत कुमार भुइयां शामिल हैं.
इसके साथ ही 11 अन्य सदस्यों को भी निलंबित किया गया है. उन्हें विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक के लिए निलंबित कर दिया. समिति से कहा गया है कि वह इन 11 सदस्यों के आचरण के संबंध में अपनी रिपोर्ट तीन महीने के अंदर पेश करेगी. इन 11 सदस्यों में जेबी माथेर हिशाम, एल. हनुमंथैया, नीरज डांगी, राजमणि पटेल, कुमार केतकर, जी.सी. चन्द्रशेखर, बिनय विश्वम, संतोष कुमार पी, एम. मोहम्मद अब्दुल्ला, जॉन ब्रिटास और ए.ए. रहीम शामिल हैं. इस तरह सोमवार को राज्यसभा से कुल 45 सदस्यों को निलंबित किया गया.
(भाषा इनपुट के साथ)
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