Opposition MPs Suspension Reaction: लोकसभा में तख्तियां दिखाने और सदन की अवमानना करने को लेकर मंगलवार को फारूक अब्दुल्ला, शशि थरूर, मनीष तिवारी और सुप्रिया सुले सहित 49 और विपक्षी सदस्यों को संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया. इस पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि खतरनाक विधेयकों को बिना किसी विरोध पारित कराने के लिए ऐसा किया जा रहा है. मंगलवार (19 दिसंबर) को लोकसभा से सांसदों को सस्पेंड किए जाने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व में ट्विटर ) पर इसे लेकर सवाल खड़े किए.
'ताकि BJP सांसद बेदाग हो जाए;
जयराम रमेश ने लिखा, "आज सिर्फ लोकसभा से INDIA की पार्टियों के कम से कम 50 और सांसदों को निलंबित कर दिया गया! विपक्ष को पूरी तरह से खत्म किया जा रहा है ताकि खतरनाक विधेयकों को बिना किसी सार्थक बहस के पारित किया जा सके. ऐसा इसलिए भी हो रहा है ताकि 13 दिसंबर को लोकसभा में दो आरोपियों के प्रवेश दिलाने वाले भाजपा सांसद बेदाग हो जाएं. नई संसद में 'नमोक्रेसी' के हर तरह के अत्याचार सामने आ रहे हैं"
'संसद को पूरी तरह से अवैध कर दिया गया'
शीतकालीन सत्र के शेष अवधि के लिए 49 और विपक्षी सांसदों को संसद से निलंबित किए जाने पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, "संसद को पूरी तरह से अवैध कर दिया गया है. यह संसद में सबसे कठोर कानूनों को पारित करने की रूपरेखा तैयार करने के लिए है..."
'वे विपक्ष मुक्त लोक सभा चाहते हैं'
कांग्रेस के सांसद शशि थरूर जिन्हें खुद सस्पेंड किया गया है, उन्होंने भी इस पर तीखा हमला बोला है. थरूर ने कहा है, "यह स्पष्ट है कि वे विपक्ष-मुक्त लोकसभा चाहते हैं और वे राज्यसभा में भी कुछ ऐसा ही करेंगे. अब दुर्भाग्य से, हमें भारत में संसदीय लोकतंत्र के लिए श्रद्धांजलियां लिखना शुरू करना होगा. आज, एकजुटता में अपने सहयोगियों के साथ, मैं भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ और जो भी वहां मौजूद थे, उन्हें शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है, जिसका मतलब है कि वे अपने विधेयकों को बिना किसी चर्चा के पारित करना चाहते हैं. मुझे लगता है कि यह संसदीय लोकतंत्र के साथ विश्वासघात है."
'आप मर्यादा का उल्लंघन कर रहे हैं'
सदन की अवमानना के मामले में अब तक कुल 141 लोकसभा सदस्यों को निलंबित किया जा चुका है . सदन की कार्यवाही के समय पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने सदस्यों के नाम लेते हुए कहा, ‘‘अप्रिय प्रसंग है कि अनेक बार अनुरोध के बावजूद आप निरंतर नियमों की अवहेलना कर रहे हैं. आसन की अवहेलना कर रहे हैं.’’ उन्होंने संसद में सुरक्षा चूक के मामले में आसन के समीप आकर नारेबाजी कर रहे विपक्षी सांसदों से कहा, ‘‘आप निरंतर आग्रह के बाद भी मर्यादा का उल्लंघन कर रहे हैं और आपने आसन को कार्यवाही के लिए विवश किया है.
'... तो अगले चुनाव के बाद आप भी यहां नहीं आ पाएंगे'
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सर्वसम्मति से स्वीकृत हुआ था कि कोई सदस्य सदन के अंदर ‘प्लेकार्ड’ या तख्ती नहीं लाएंगे, उसके बावजूद सांसद आसन का, सदन का और जनादेश का अपमान कर रहे हैं. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि हाल ही में संपन्न पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में इनका जो हाल हुआ है, उसकी हताशा के कारण ऐसा कदम उठा रहे हैं. जोशी ने कहा, ‘‘अगर आप ऐसे ही करते रहे तो अगले चुनाव के बाद आप भी यहां नहीं आ पाएंगे.’’
इसके बाद संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 49 विपक्षी सदस्यों का नाम लेकर उन्हें तख्तियां दिखाने और आसन की अवमानना करने के मामले में निलंबित करने का प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.