Rahul Gandhi Disqualified: राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि यह अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरा है. राहुल गांधी को सच बोलने की सजा मिली है.


वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं को ताक पर रखा जा रहा है. सरकारी संस्थाओं का दमन हो रहा है. अभिव्यक्ति की आजादी अहम मामला है. राहुल गांधी संसद के अंदर और बाहर निडर होकर बयान देते हैं.


सिंघवी ने कहा, ''हमें विश्वास है कि दोषसिद्धि पर स्थगन ले लेंगे जो इस अयोग्यता के आधार को ही समाप्त कर देगा. हमें कानून पर पूरा भरोसा है. हमें विश्वास है कि हम निकट भविष्य में विजयी होंगे.''


वहीं जयराम रमेश ने कहा कि 2014 से राहुल गांधी मोदी सरकार के नीतियों के खिलाफ़ संसद के अंदर और सांसद के बाहर अपनी आवाज़ उठा रहे रहे हैं.  जो कानूनी कदम होगा, उसपर हम कदम उठाया जाएगा, लेकिन जो राजनीतिक है उसपर विचार करेंगे. अगले 4 महीनों तक सत्र चलेगा नहीं. हम पीछे नहीं हटने वाले नहीं हैं. जो खुद डरे हुए हैं वो दूसरो को डराते हैं.


बता दें कि सूरत की अदालत ने ‘मोदी सरनेम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें दो साल कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने, हालांकि गांधी को जमानत दे दी तथा उनकी सजा के अमल पर 30 दिनों तक के लिए रोक लगा दी, ताकि कांग्रेस नेता फैसले को चुनौती दे सकें. 


रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट 1951 के तहत 2 साल या उससे अधिक की सजा पर सदस्यता जाने का प्रावधान है. अब अगर राहुल की सज़ा पर ऊपरी अदालत से जल्द रोक नहीं लगती तो मुमकिन है कि अगले 2 से 3 हफ्तों में वायनाड में उप चुनावों की तारीखों का एलान केंद्रीय चुनाव आयोग करेगा.


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