चुनावों में लगातार हो रही हार के कारण कांग्रेस पार्टी के अंदर गांधी परिवार के नेतृत्व पर सवाल तो उठ ही चुके हैं अब उसके सहयोगी दल एनसीपी ने मांग कर दी है कि कांग्रेस को यूपीए की अगुवाई शरद पवार को सौंप देनी चाहिए. 2004 से सोनिया गांधी ने कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों के गठबंधन यूपीए की कमान संभाला हुआ है. मंगलवार को दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी की युवा इकाई राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शरद पवार को यूपीए अध्यक्ष बनाए जाने का प्रस्ताव पास किया गया. शरद पवार अब तक यूपीए अध्यक्ष बनने की बात से इनकार करते रहे हैं. कांग्रेस ने भी कहा है कि पवार खुद इस सवाल से इनकार कर चुके हैं. 


लेकिन इस बार बड़ी बात यह रही कि जब यूपीए अध्यक्ष पवार को सौंपे जाने प्रस्ताव पारित होते समय पवार खुद मंच पर मौजूद थे. सवाल यही है कि क्या कांग्रेस शरद पवार का नेतृत्व स्वीकार करेगी? एनसीपी प्रमुख शरद पवार की मौजूदगी में पार्टी की युवा इकाई की बैठक में उन्हें यूपीए अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया. इससे पहले भी एनसीपी नेता यह मांग कर चुके हैं. कुछ वक्त पहले शिवसेना ने भी इसकी वकालत की थी. लेकिन राजनीति के पुराने दिग्गज शरद पवार सार्वजनिक रूप से हमेशा इससे इनकार करते आए हैं. लेकिन जिस तरह उनकी मौजूदगी में प्रस्ताव पारित किया गया उससे सवाल खड़ा हो गया कि क्या अब पवार खुद यूपीए की कमान संभालना चाहते हैं और क्या अगले लोकसभा चुनाव में मोदी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर चुनौती देना चाहते हैं?


यह मांग नए सिरे इसलिए उठी है क्योंकि हाल में सम्पन्न विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई है. 2019 लोकसभा चुनाव के बाद से झारखंड, महाराष्ट्र और तमिलनाडु को छोड़ कांग्रेस कहीं भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई. इन तीन राज्यों में भी कांग्रेस की हैसियत जूनियर पार्टनर की है. इस दौरान पुडुचेरी और पंजाब में कांग्रेस अपनी सरकार नहीं बचा पाई. राहुल गांधी और उनके करीबी नेताओं के रवैए के कारण कांग्रेस के अंदर असन्तुष्ट नेताओं का खेमा बन गया है. कपिल सिब्बल जैसे बड़े नेता खुल कर मांग कर रहे हैं कि गांधी परिवार को पार्टी नेतृत्व छोड़ देना चाहिए. कांग्रेस के सहयोगी दलों को लगता है कि ऐसी हालत में कांग्रेस बीजेपी का मुकाबला नहीं कर सकती. 


पार्टी की युवा इकाई की मांग का समर्थन करते हुए एनसीपी नेता माजिद मेनन ने कहा है कि सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी अपने अंदरूनी विवादों के कारण कांग्रेस यूपीए का नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं है. 2024 के लिए समय निकला जा रहा है इसलिए कांग्रेस को यूपीए की कमान शरद पवार के हाथों में सौंप देनी चाहिए. माजिद मेनन ने कहा कि शरद पवार ऐसे नेता हैं जिनकी छवि ऐसे ऐसे बड़े नेता की है जिसकी पकड़ जमीनी है.


राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरज शर्मा ने कहा कि शरद पवार ऐसी शख्सियत हैं जिनका तमाम क्षेत्रीय दलों के साथ कांग्रेस के साथ भी संबंध हैं. वो सबसे तालमेल बिठा सकते हैं. शरद पवार के अनुभव की देश को जरूरत है. बहुत से दल कांग्रेस के साथ नहीं हैं, शरद पवार की वजह से सभी साथ आ सकते हैं. 


एनसीपी ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं. लेकिन कांग्रेस इस चुनौती का सीधा जवाब देने से बच रही है. वरिष्ठ नेता शक्ति सिंह गोहिल ने एनसीपी द्वारा पवार को यूपीए की कमान दिए जाने की मांग को लेकर पूछे जाने पर कहा कि जब शरद पवार खुद इनकार कर चुके हैं तो दूसरे नेताओं की बात क्यों करें?


ममता बनर्जी, चन्द्रशेखर राव और अरविंद केजरीवाल जैसे क्षत्रपों की चुनौती के बीच एनसीपी द्वारा यूपीए की कुर्सी पर दावा कांग्रेस के लिए नई मुसीबत है. कांग्रेस अगर जल्द नहीं संभली तो हालत उसके काबू से हमेशा के लिए बाहर हो जाएंगे. 


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