शिवराज चौहान ने साधा मनमोहन सरकार पर निशाना, कांग्रेस बोली- 'कृषि मंत्री देते रहे, सिर्फ जलेबी भाषण'
Congress On Agriculture Minister: कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने फसल की औसत लागत से 50 फीसदी अधिक एमएसपी निर्धारित करने से भी इनकार कर दिया. कृषि मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधा था.
Congress On MSP: कांग्रेस ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा राज्यसभा में दिए गए बयान को जलेबी भाषण करार दिया है. कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने शुक्रवार (26 जुलाई 2024) को कहा कि इससे किसानों के खिलाफ मोदी सरकार की साजिश उजागर हो गई है. उन्होंने कहा कि देश का अन्नदाता एमएसपी से इनकार के लिए इस सरकार को कभी माफ नहीं करेगा.
किसानों के लेकर क्या बोले कृषि मंत्री?
विपक्ष पर किसानों के मुद्दों पर केवल राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राज्यसभा में कहा कि किसानों का कल्याण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए वह पूरी जिम्मेदारी के साथ अथक परिश्रम करती रहेगी.
राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी देने सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार करने के लिए सरकार ने एक समिति का गठन किया था, जिसकी नियमित बैठकें होती हैं. उन्होंने कहा कि 22 जुलाई 2022 से समिति की छह बैठकें हो चुकी हैं और विभिन्न उपसमितियों की 35 बैठकें हुई हैं.
'इधर-उधर की बातें करते रहे कृषि मंत्री'
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘आज राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री से सीधा और स्पष्ट सवाल पूछा गया कि क्या भारत सरकार किसान संगठनों की मांग के अनुरूप एमएसपी की कानूनी गारंटी देगी. लगभग 30 मिनट तक वह सवाल का जवाब देने से बचने के लिए इधर-उधर की बातें करते रहे.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि मुद्दा चावल, गेहूं और अन्य कृषि उत्पादों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी का था, लेकिन मंत्री जी सिर्फ जलेबी भाषण देते रहे.’’
बीजेपी की किसान विरोधी मानसिकता का पर्दाफाश
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि देश के अन्नदाता की रोटी छीनने का भाजपाई षड़्यंत्र आज संसद के पटल पर उजागर हुआ. उन्होंने कहा, "बीजेपी की किसान विरोधी मानसिकता की कलई आज सरेआम खुल गई. मोदी सरकार की ओर से देश के किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून बनाने से इनकार कर दिया गया. फसल की औसत लागत से 50 फीसदी अधिक एमएसपी निर्धारित करने से भी इनकार कर दिया गया. औसत फसल लागत में पारिवारिक श्रम और भूमि का किराया भी शामिल है. मोदी जी ने 50 फीसदी मुनाफे का वादा किया था, लेकिन सरकार ने मना कर दिया.’’
रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि 72 करोड़ किसान मोदी सरकार के इस अहंकार को कभी माफ नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘आज संसद में जो हुआ, वह हिंदुस्तान के इतिहास में एक काला दिन है. देश का किसान और खेतिहर मजदूर मोदी सरकार के इस इस काले दिन को याद रखेगा और उनके अहंकार को चकनाचूर भी करेगा.’’
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