(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Congress On VVPAT Machines: ‘चुनावी प्रक्रिया पर संशय है तो...’ कांग्रेस ने खराब वीवीपैट मशीनों को लेकर चुनाव आयोग से की ये मांग
Congress On Election Commission: वीवीपैट मशीनों में खराबी को लेकर मीडिया में आई खबरों पर कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग के सामने कुछ मांगें रखी हैं और इसको लेकर पारदर्शिता की बात भी की है.
Pawan Khera On Election Process: वीवीपैट मशीनों को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं. अब खबरें हैं कि चुनाव आयोग ने कुछ खराब वीवीपैट मशीनों की पहचान की है. इसको कांग्रेस ने बेहद गंभीर मसला बताते हुए शुक्रवार (21 अप्रैल) को कहा कि चुनाव प्रक्रिया ईमानदारी से हो इसके लिए जनता का विश्वास बहाल करने में आयोग को मदद करनी चाहिए और सभी लोगों को भरोसे में लेना चाहिए.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से कई सवाल किए और कहा कि उसे वीवीपैट के बारे में पूरी पारदर्शिता के साथ जवाब देना चाहिए जिससे कि चुनाव प्रक्रिया के बारे में भरोसा कायम करने में मदद मिल सके. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मीडिया में आई खबरों का हवाला देते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग ने करीब साढ़े छह लाख वीवीपैट की पहचान कथित रूप से त्रुटिपूर्ण मशीनों के तौर पर की है और उन्हें मरम्मत के लिए वापस भेजा है.
2019 के लोकसभा चुनाव में इन्ही मशीनों का इस्तेमाल
उन्होंने आगे कहा, “एक रिपोर्ट के अनुसार 37% VVPAT मशीनें खराब पाई गई हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव से लेकर आगे के तमाम चुनावों में इन्हीं का इस्तेमाल किया गया है. एक ही सीरीज के सीरियल नंबर वाली हजारों मशीनों के खराब होने पर भी SOP फॉलो नहीं किया गया. अगर चुनावी प्रक्रिया पर किसी एक मतदाता को भी संशय है तो यह हम सभी का कर्तव्य है कि संशय दूर किया जाए. चुनाव कोई भी जीते, लेकिन लोगों का विश्वास चुनाव प्रक्रिया से डगमगाना नहीं चाहिए. यह हम सभी का सामूहिक दायित्व है.”
पीएम मोदी पर साधा निशाना
इसी के साथ उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, “लोकतंत्र की देवी संवैधानिक संस्थाओं के अपहरणकर्ताओं से जवाब मांग रही है. आखिर सरकार क्या छुपा रही है? सत्यपाल मलिक जी ने कहा था- प्रधानमंत्री को भ्रष्टाचार से नफरत नहीं है. हम कहते हैं प्रधानमंत्री को भ्रष्टाचार से मोहब्बत है. कर्नाटक का जो BJP नेता 40% कमीशन लेता था, आज PM मोदी उसकी जी हुजूरी कर रहे हैं, चुनाव जितवाने की गुहार लगा रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “जिस व्यक्ति के कारण कर्नाटक बीजेपी सरकार को 40 परसेंट सरकार का तमगा मिला आज प्रधानमंत्री उस व्यक्ति के आगे गिड़गिड़ा रहे हैं. अपने पद का इकबाल बना के रखिए, मोदी जी.” पवन खेड़ा ने कहा, “प्रधानमंत्री जी कर्नाटक में 40% कमीशन के भ्रष्टाचार पर चुप. गौतम अडानी की शेल कंपनियों पर उठे सवालों पर चुप. मेहुल चौकसी-नीरव मोदी के भ्रष्टाचार पर चुप क्यों?”
‘मशीनों में त्रुटियां गंभीर’
इस बात की ओर ध्यान दिलाते हुए कि ऐसी घटनाओं को इक्का-दुक्का घटना नहीं माना जा सकता, खेड़ा ने कहा कि त्रुटिया इतनी ‘‘गंभीर’’ हैं कि चुनाव आयोग के अपनी मानक परिचालन प्रक्रिया का उल्लंघन होने पर इन मशीनो को विनिर्माताओं को लौटा दिया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक दलों को इन मशीनों को लौटाये जाने का कारण विस्तार से नहीं बताया गया है. हमारे जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं ने बताया कि निर्वाचन अधिकारियों ने इसे सामान्य गतिविधि की तरह अंजाम दिया है. इस मामले की गंभीरता का हमें चुनाव आयोग के सूचित किये जाने की बजाय मीडिया में आयी खबरों से अंदाजा हुआ.’’
‘वोट की ताकत मूल्यवान’
प्रत्येक भारतीय का चुनाव प्रक्रिया पर विश्वास और भरोसा लोकतंत्र का अभिन्न अंग होने की बात की ओर ध्यान दिलाते हुए उन्होंने कहा कि यह विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में न केवल हमारी छवि बल्कि इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि यह सरकार की नीतियों को प्रभावित करने के लिए प्रत्येक नागरिक को एक आवाज, एक शक्ति प्रदान करती है. खेड़ा ने कहा कि इस नाजुक समय में वोट की ताकत और भी मूल्यवान हो गई है तथा इसको लेकर कोई भी संदेह बना नहीं रहना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘यह उन घटनाओं की श्रृंखला में सबसे ताजा कड़ी है जिसने ईवीएम एवं वीवीपैट को लेकर जनता के भरोसे को धीमे धीमे कम किया है. हमें आशा है कि चुनाव आयोग हमारे प्रश्नों का पूरी तरह से और शीघ्रता से उत्तर देगा और वीवीपैट के ईद-गिर्द जो प्रश्न मंडरा रहे हैं उनका सक्रियता से जवाब देकर जनता का विश्वास कायम करेगा.’’
पवन खेड़ा के सवाल
उन्होंने 8 सवाल करते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग ने वीवीपैट मशीनों में पाई गई ‘‘त्रुटि’’ की क्या ठीक-ठीक पहचान कर ली है और वीवीपैट मशीनों की मरम्मत और पहचान में विलंब क्यों हुआ? खेड़ा ने पूछा, ‘‘क्या चुनाव आयोग ने उन सभी मशीनों की पहचान कर ली है जिनमें त्रुटि की जानकारी मिली है अर्थात क्या सभी वीवीपैट मशीनों का त्रुटि के लिए परीक्षण हो चुका है? त्रुटियों की पहचान का पता वीवीपैट मशीनों की जांच के लिए पहले ही स्तर पर क्यों नहीं लग पाया? ’’
कांग्रेस नेता ने यह भी पूछा, ‘‘चुनाव आयोग भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कौन से अतिरिक्त सुरक्षा मानकों की योजना बना रहा है जिनका चुनाव पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है. वीवीपैट मशीनों के कामकाज को लेकर वर्तमान मुद्दे को दृष्टि में रखते हुए क्या चुनाव आयोग इन मशीनों का आगामी चुनाव में भी उपयोग करेगा?’’
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
वीवीपैट मशीनों में त्रुटियों को लेकर मीडिया में आयी खबरों का उल्लेख करते हुए निर्वाचन आयोग ने कहा कि 3.43 लाख मशीनों की पहचान एहतियाती रखरखाव के लिए की गई हैं और इनकी सख्या 6.5 लाख नहीं है, जैसा की खबरों में कहा गया. अधिकारियों ने दावा किया कि त्रुटिपूर्ण वीवीपैट किसी भी तरह गलत नतीजे नहीं दे रही है अन्यथा चुनाव प्रक्रिया के दौरान उनका कामकाज रुक जाता है.
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