कृषि संबंधी बिलों का कांग्रेस ने किया विरोध, कहा- साजिश रच रही है मोदी सरकार
कांग्रेस ने कहा कि मोदी जी कसम किसानों की खाते हैं और दोस्ती मुट्ठीभर पूंजीपतियों से निभाते हैं. मोदी सरकार ने किसान-खेत मजदूर के उज्जवल भविष्य को रौंदकर उनके भाग्य में बदहाली लिख दी
नई दिल्ली: कांग्रेस ने सरकार के कृषि संबंधी बिलों का विरोध किया है. कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार खेत-खलिहानों को पूंजीपतियों के हाथ गिरवी रखने की साजिश रच रही है.
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि ये तीन काले कानून हरित क्रांति को हराने की घिनौनी भाजपाई साजिश है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कोरोना महामारी की तरह है जो खेती-किसानों के लिए जानलेवा साबित हो रही है.
सुरजेवाला ने कहा, "मोदी जी कसम किसानों की खाते हैं और दोस्ती मुट्ठीभर पूंजीपतियों से निभाते हैं. आज मोदी सरकार ने संसद में किसान और खेती विरोधी एक 'काला अध्याय' लिख डाला. किसान-खेत मजदूर के उज्जवल भविष्य को रौंदकर उनके भाग्य में बदहाली लिख दी "
कांग्रेस नेता ने कहा कि अनाज मंडी-सब्जी मंडी यानि एपीमसी को खत्म करने से कृषि उपज खरीद व्यवस्था पूरी तरह खत्म हो जाएगी. ऐसे में किसानों को न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा और न ही बाजार भाव के अनुसार फसल की कीमत.
सुरजेवाला ने कहा कि मंडिया खत्म होते ही अनाज-सब्जी मंडी में काम करने वाले लाखों-करोड़ं मजदूरों, आढ़तियों, आदी की रोजी-रोटी खत्म हो जाएगी.
कांग्रेस नेता ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग अध्यादेश की सबसे बड़ी खामी यही है कि यह न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी देना अनिवार्य नहीं. जब मंडी व्यवस्था खत्म होगी तो किसान केवल कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर निर्भर हो जाएगा और बड़ी कंपनियां किसान के खेत में उसकी फसल की मनमर्जी की कीमत निर्धारित करेंगीं. यह नई जमीदारी प्रथा नहीं तो और क्या है.
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