कांग्रेस सांसदों ने फांसी की सजा खत्म करने का किया समर्थन, BJP ने कहा- जघन्य अपराधों के लिए जरूरी
राज्यसभा में शुक्रवार को मृत्युदंड खत्म करने के लिए लाए गए एक निजी विधेयक पर चर्चा हुई. इस विधेयक पर कांग्रेस सहित अन्य दलों के सांसदों ने कहा कि मृत्युदंड के प्रावधान को खत्म कर दिया जाना चाहिए. वहीं, बीजेपी सहित अन्य दलों के सांसदों ने कहा कि मृत्युदंड के प्रावधान के खत्म होने से अपराधियों के दिल से भय खत्म हो जाएगा.
नई दिल्ली: मृत्युदंड की सजा को खत्म करने के लिए कांग्रेस सांसद के एक निजी विधेयक पर शुक्रवार को राज्यसभा में बहस हुृई. इस दौरान कांग्रेस सहित कुछ दलों के सांसदों ने इस प्रावधान को खत्म करने की वकालत की. वहीं, बीजेपी के सांसदों ने आतंकवाद, बच्चियों से बलात्कार और हत्या जैसे जघन्यतम मामलों में फांसी की सजा बरकरार रखने की मांग की. बता दें कि मृत्युदंड के प्रावधान को खत्म करने के लिए कांग्रेस सांसद प्रदीप टम्टा ‘मृत्युदंड उत्सादन विधेयक, 2016’ लेकर आए थे.
मृत्युदंड के प्रावधान को समाप्त करने की वकालत करते कांग्रेस सहित अन्य दलों के सदस्यों ने कहा कि न्याय का तकाजा है कि अपराधियों को सुधरने का मौका दिया जाना चाहिए. वहीं, बीजेपी सहित अन्य दलों के सदस्यों ने इस प्रावधान को जारी रखने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यदि जघन्यतम अपराधों में इस तरह का कठोर प्रावधान नहीं हुआ तो अपराधी समाज के लिए सिरदर्द बन जाएंगे.
विधेयक पेश करते हुए कांग्रेस सांसद टम्टा ने कहा कि विश्व के 140 देशों में मृत्युदंड के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि हमारे देश में भी मृत्युदंड के मामले पिछले कुछ सालों में बहुत कम आये हैं. उन्होंने कहा कि मृत्युदंड का प्रावधान होने के बावजूद देश में अपराध के मामलों में कोई कमी नहीं आयी है. कांग्रेस सांसद ने कहा कि मृत्युदंड के प्रावधान से सबसे अधिक समाज के निर्धन और हाशिये पर रहने वाले लोग प्रभावित होते हैं क्योंकि किसी मामले में फंसने की अवस्था में उनके पास बचाव करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं होते हैं.
बीजेपी के हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर ने कहा कि अमेरिका, चीन सहित कई विकसित देशों में गंभीर अपराध से बचने के लिए इस तरह के कठोर दंड का प्रावधान है. बीजेपी सांसद डॉ. डी पी वत्स ने कहा कि विश्व की लगभग 60 प्रतिशत आबादी ऐसे देशों में रहती है जहां मृत्युदंड का प्रावधान है. उन्होंने आतंकवाद और जघन्य अपराधों के लिए ऐसे कठोर दंड के प्रावधान को जरूरी बताया. बीजेपी के ही डॉ अशोक वाजपेयी ने छोटी बच्चियों के साथ बलात्कार और उनकी हत्या, राजनीतिक कारणों से हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए कठोर दंड होने की वकालत. उन्होंने कहा कि कठोर दंड के अभाव में अपराधियों के दिल से भय निकल जायेगा.
कांग्रेस की छाया वर्मा ने मृत्युदंड देने की जगह अपराधियों को सुधारने के लिए मौके देने की मांग की. उन्होंने कहा कि अपराधियों को सुधारगृह में भेजा जाना चाहिये क्योंकि कई बार अपराध क्षणिक आवेश में हो जाता है. उन्होंने मृत्युदंड की सजा समाप्त किये जाने की मांग करते हुए कहा कि इसका शिकार गरीब और कमजोर लोग ही होते हैं.
एसपी के विशंभर प्रसाद निषाद ने विधेयक का समर्थन किया और कहा कि अदालत और गवाही की व्यवस्था में तमाम खामियों के कारण बड़े अपराधियों के खिलाफ कोई गवाही नहीं हो पाती जबकि कमजोर और न्यायिक प्रक्रिया तक पहुंच न होने के कारण कमजोर तबके के लोग उत्पीड़ित होते हैं. उन्होंने कहा कि गंभीर अपराधों को छोड़कर ऐसे गरीब और कमजोर लोगों के खिलाफ अपराध के मामलों की समीक्षा कर उनके साथ न्याय सुनिश्चित करने और उन्हें सुधरने के लिए मौका दिया जाना चाहिए.
आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि ऐसे कठोर दंड की चपेट में गरीब और कमजोर तबके के लोग आते हैं. वे समुचित न्याय की प्रक्रिया से वंचित रह जाते हैं और न्याय पाने के लिए उन्हें सालों अदालतों में भटकना पड़ता है. आप सांसद ने आतंकवाद, मासूम बच्चियों के साथ बलात्कार और उनकी हत्या जैसे जघन्य अपराधों के लिए ऐसी कठोर सजा होने की वकालत की लेकिन निर्दोष गरीब लोगों के अपराधों की समीक्षा कर उनके साथ न्याय किये जाने की वकालत की. विधेयक पर चर्चा अधूरी रही.
कर्नाटक संकट: राहुल गांधी बोले- BJP कुमारस्वामी सरकार गिराने के लिए पैसे का इस्तेमाल कर रही है चारा घोटाला: देवघर कोषागार मामले में झारखंड HC ने लालू यादव को दी जमानत हार के बाद कोच रवि शास्त्री का बड़ा खुलासा, बताया सेमीफाइनल में क्यों नंबर चार पर नहीं उतरे धोनी कर्नाटक में इस्तीफा देने वाले विधायकों के मामले में SC ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया, 16 जुलाई को फिर सुनवाई