Congress Himachal Mission: हिमाचल प्रदेश में चुनाव के लिए कांग्रेस ने कसी कमर, हर जिले में तैनात होंगे राष्ट्रीय सचिव
Congress National Secretary: हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की तैयारियां जोरों पर हैं. प्रियंका गांधी के साथ काम कर रहे नेताओं को हिमाचल में लगाया गया है.
Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने कमर कस ली है और पार्टी ने इस बार हर जिले में एक राष्ट्रीय सचिव देने का फैसला किया है. इन सब चीजों के बीच खास बात ये सामने आई है कि प्रियंका गांधी के साथ काम कर रहे नेताओं को हिमाचल में लगाया गया है. सूत्रों का कहना है कि राज्य में कांग्रेस की सत्ता में वापसी के मकसद से ये रणनीति बनाई गई है. शनिवार को हुई एआईसीसी की मीटिंग में तय हुआ कि पार्टी को मजबूत बनाने के लिए हर जिले में राष्ट्रीय सचिव की तैनाती की जाए.
इस बैठक में जिन राष्ट्रीय सचिवों के नाम सामने आए हैं वो इस प्रकार हैं- दीपिका पांडे, चंदन यादव, राजेश तिवारी, रोहित चौधरी, धीरज गुर्जर, प्रदीप नरवाल, विकास उपाध्याय, विजय सिंग्ला और चेतन चौहान. इन सभी राष्ट्रीय सचिवों को एक हफ्ते के अंदर काम शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं. राजस्थान के उदयपुर में हुए चिंतन शिविर के बाद इन लोगों को पार्टी की तरफ से ये काम दिया गया है. कांग्रेस के महासचिव केसी वेनुगोपाल और प्रभारी राजीव शुक्ला ने कांग्रेस मुख्यालय पर बैठक में हिस्सा लिया और जरूरी निर्देश जारी किए.
यूपी चुनावों में काम कर चुके 4 नेताओं को हिमाचल में भी मिली जिम्मेदारी
सूत्रों का मानना है कि जिस तरह प्रियंका गांधी के साथ यूपी में काम कर चुके 4 नेताओं को हिमाचल प्रदेश में लगाया गया है. साफ है कि पहाड़ी राज्य की सत्ता में वापसी के कांग्रेस के मिशन पर प्रियंका गांधी का खास फोकस होगा. हाल में भी कांग्रेस नेतृत्व ने प्रदेश संगठन में फेरबदल कर पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया.
उपचुनावों में कांग्रेस ने दिया बीजेपी को झटका
पिछले साल हुए उपचुनावों में कांग्रेस ने बीजेपी को जोर का झटका दिया था. यहां मंडी लोकसभा के साथ साथ 3 विधानसभा की सीटों पर जीत हासिल की थी. अब देखने वाली बात होगी कि उपचुनाव में मिली इस जीत को कांग्रेस बरकरार रख पाती है या नहीं. इस बार कांग्रेस और बीजेपी की इस लड़ाई में आम आदमी पार्टी भी कूद गई है. अरविंद केजरीवाल लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं. हिमाचल से सटे पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी और इन दोनों राष्ट्रीय पार्टियों को मुंह की खानी पड़ी. ऐसे में कांग्रेस के पास मौका तो है लेकिन उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती ये होगी कि वो बीजेपी विरोधी वोट को अपने पाले में खींचकर लाएं नहीं.
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