कांग्रेस ने गणतंत्र दिवस समारोह को इस साल रद्द करने के सुझाव संबंधी शशि थरूर की टिप्पणी से बुधवार को किनारा किया और कहा कि जब लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमले किए जा रहे हैं, तो ऐसे समय में लोकतंत्र का उत्सव बढ़-चढ़कर मनाने की जरूरत है. दरअसल, पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का भारत दौरा रद्द होने का हवाला देते हुए कहा था कि मुख्य अतिथि नहीं होने की स्थिति में इस बार गणतंत्र दिवस समारोह को क्यों न रद्द कर दिया जाए?


उन्होंने मंगलवार रात ट्वीट किया, ‘‘अब जब इस महीने बोरिस जॉनसन की भारत यात्रा कोविड की दूसरी लहर के कारण रद्द कर दी गई है और हमारे पास गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि नहीं है, तो ऐसे में एक कदम आगे क्यों न जाएं और जश्न को पूरी तरह से रद्द कर दें?’’ पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोकसभा सदस्य थरूर ने यह भी कहा कि इस बार परेड के लिए लोगों को बुलाना ‘गैरजिम्मेदाराना’ होगा.





थरूर की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता अलका लांबा ने पार्टी के आधिकारिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जहां तक पार्टी का सवाल है तो उसका यह विश्वास और मानना है कि चाहे स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस हो, दोनों हमारे लोकतांत्रिक और संवैधानिक त्योहार हैं.’’


इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘संविधान और संवैधानिक संस्थाओं पर जिस तरह से लगातार हमले करके उन्हें कमजोर करने की कोशिश की जा रही है, ऐसे समय में कांग्रेस महसूस करती है कि इस तरह के उत्सवों को और बढ़-चढ़कर मनाते हुए, इन पर विश्वास जताते हुए हमें ये सुनिश्चित करना है और शपथ लेनी है कि हम कतई भी अपने संविधान और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर नहीं होने देंगे.’’


उल्लेखनीय है कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री जॉनसन ने अपने देश में कोरोना वायरस के नये स्वरूप (स्ट्रेन) से पैदा हुए संकट के बढ़ने के चलते 26 जनवरी के गणतंत्र दिवस समारोह के लिये भारत की अपनी निर्धारित यात्रा रद्द कर दी है. अधिकारियों ने बताया कि जॉनसन ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर अपना दौरा रद्द करने के लिए खेद प्रकट किया. जॉनसन को 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था.


ये भी पढ़ें: शशि थरूर ने की रिपब्लिक डे परेड को कैंसिल करने की मांग, संबित पात्रा बोले- राहुल ने तो जश्न रद्द नहीं किया