पेट्रोल और डीजल की कीमत में लगी आग के लिए कांग्रेस ने केंद्र सरकार की नीतियों को ठहराया ज़िम्मेदार
कांग्रेस नेता अजय माकन ने बढ़ी हुई एक्साइज ड्यूटी को लेकर सवाल उठाते हुए पूछा है कि पिछले 6 सालों के दौरान केंद्र की मोदी सरकार ने बढ़ी हुई एक्साइज ड्यूटी के चलते करीब 20 लाख करोड़ रुपये यानी 200 खरब रुपये कमाया है. आखिर वो पैसा गया कहां?
नई दिल्ली: देशभर में लगातार बढ़ रही पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि मौजूदा वक्त में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जो बढ़ोतरी हुई है, उसकी एक बड़ी वजह सरकार के द्वारा लगाई गई एक्साइज ड्यूटी है. बढ़ी हुई एक्साइज ड्यूटी के चलते पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आग लगी हुई है.
कांग्रेस नेता अजय माकन ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 108 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई थी और केंद्र में यूपीए सरकार थी उस दौरान भी पेट्रोल और डीजल की कीमतें इस स्तर तक नहीं पहुंची थीं. जबकि मौजूदा वक्त में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत करीबन 55 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी हुई है. ऐसे में पेट्रोल जहां देश की राजधानी दिल्ली में अपने अधिकतम स्तर पर पहुंच गया है, तो वहीं कई और शहरों और राज्यों में यह 90 के पार पहुंच गया है. ये हाल तब है जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत यूपीए सरकार के दौरान जो उच्चत्तम कीमत थी उससे करीब आधी है.
कांग्रेस नेता अजय माकन ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर पिछले 6 सालों के दौरान डीजल पर करीब 8 गुना एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी और पेट्रोल पर करीब 2.5 गुना एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी क्यों की गई. अजय माकन ने कहा कि अगर सरकार जो अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी की गई है सिर्फ उसको ही वापस कर ले तो आज की तारीख में भी पेट्रोल करीबन 62 रुपये प्रति लीटर और डीजल करीब 47 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक सकता है.
कांग्रेस नेता अजय माकन ने बढ़ी हुई एक्साइज ड्यूटी को लेकर सवाल उठाते हुए पूछा है कि पिछले 6 सालों के दौरान केंद्र की मोदी सरकार ने बढ़ी हुई एक्साइज ड्यूटी के चलते करीब 20 लाख करोड़ रुपये यानी 200 खरब रुपये कमाया है. आखिर वो पैसा गया कहां? किसकी जेब में जा रहा है वो पैसा? देश में लोगों पर बोझ बढ़ रहा है, लेकिन 200 खरब रुपया कहां जा रहा है?
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह आग सिर्फ पेट्रोल और डीजल के दामों में ही नहीं बल्कि गैस सिलेंडर के दामों में भी लगी हुई है. जहां कांग्रेस की सरकार के दौरान जनता को 12 सिलेंडर सब्सिडी वाले मिलते थे, तो वही खुले बाजार में भी सिलेंडर की कीमत करीब 414 रुपये के आसपास थी. लेकिन आज की तारीख में खुले बाजार में सिलेंडर की कीमत 700 से ज्यादा पहुंच चुकी है और यह हालत तब है जब गैस की कीमतें भी पहले की तुलना में अधिक काम हैं.
गौरतलब है कि मौजूदा वक्त में फिलहाल देश के कई हिस्सों में पेट्रोल की कीमत अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं. देश की राजधानी दिल्ली में ही पेट्रोल 85.70 रुपये और आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल की कीमत 92 रुपये के पार पहुंच गई है. पेट्रोल की कीमत में लगी आग की वजह से विपक्ष केंद्र सरकार की नीतियों पर हमलावर है.
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