'भर्ती, मेडिकल-फिजिकल सब हो चुका था, फिर भी सेना में जाते-जाते रह गए डेढ़ लाख युवक', अग्निवीर स्कीम को लेकर कांग्रेस ने केंद्र को घेरा
Pawan Khera On Agni Veer: कांग्रेस नेता पवन खेड़ा का आरोप है कि पीएम नरेंद्र मोदी के शासन में जवानों और किसानों का अपमान किया गया.
Congress On Agniveer Yojna: रक्षा बलों में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी अग्निवीर योजना को लेकर फिर कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है. पार्टी नेता पवन खेड़ा ने कहा कि इस योजना का विरोध डिफेंस एक्सपर्ट लगातार करते रहे हैं और कांग्रेस पार्टी ने भी लगातार इसका विरोध किया है. केंद्र सरकार ने युवाओं के साथ रोजगार के नाम पर ठगी की है.
समाचार एजेंसी एशियन न्यूज इंटरनेशनल (ANI) से बातचीत में पवन खेड़ा ने बताया कि डेढ़ लाख से अधिक ऐसे युवा हैं जो सैन्य भर्ती के लिए सारी परीक्षाएं पास कर गए थे लेकिन कोविड संकट का हवाला देकर उन्हें नियुक्त नहीं किया गया. उसके बाद से उनकी नियुक्ति ही नहीं हुई. वे लोग आज सड़कों पर हैं.
'कांग्रेस ने लगातार किया अग्निवीर योजना का विरोध'
कांग्रेस नेता ने कहा कि अग्निवीर योजना के तहत सैन्य बलों में नियुक्ति का विरोध लगातार हो रहा है. कांग्रेस लगातार इस योजना के खिलाफ आवाज उठाती आई है. वह आगे बोले, "पूरी भारत जोड़ो न्याय यात्रा में राहुल गांधी ने इस योजना के खिलाफ बात की है और आगे भी करते रहेंगे. जंतर-मंतर पर छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. राहुल गांधी इन छात्रों से भी मिले.
'जवानों और किसानों का अपमान किया'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए पवन खेड़ा ने आदे बताया कि एक पीएम ( लाल बहादुर शास्त्री) थे. वह ‘जय जवान जय किसान’ का नारा देते थे और एक पीएम (नरेंद्र मोदी) हैं, जिन्होंने जवान का भी अपमान किया और किसान का भी.
कांग्रेस अध्यक्ष ने लिखा है राष्ट्रपति को पत्र
अग्निवीर योजना को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र भी लिखा. उनके पत्र को माइक्रो ब्लॉगिंग मंच एक्स (पूर्व में टि्वटर) पर री-पोस्ट करते हुए राहुल गांधी ने लिखा, "देशभक्ति और बहादुरी से सराबोर सैन्य अभ्यर्थियों के लिए न्याय की लड़ाई में हम उनके साथ हैं. कड़ी तपस्या के बाद सशस्त्र बलों में चयनित होकर भी नियुक्त न किए गए 2 लाख युवाओं और अग्निवीर योजना के संदर्भ में माननीय राष्ट्रपति महोदया को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पत्र भी लिखा है."