Pawar Khera Bail: प्रधानमंत्री और उनके पिता पर अमर्यादित टिप्पणी मामले में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली. असम पुलिस की तरफ से दिल्ली में गिरफ्तार किए गए खेड़ा को असम जाने से पहले ही अंतरिम जमानत मिल गई. सोमवार (27 फरवरी) को सुप्रीम कोर्ट असम और उत्तर प्रदेश में दर्ज मुकदमों को एक साथ जोड़ने और किसी एक जगह ट्रांसफर करने पर विचार करेगा।


दिल्ली से रायपुर जाने के लिए विमान में बैठे खेड़ा को उतार कर असम पुलिस ने हिरासत में लियाय इससे पहले की पुलिस उन्हें असम ले जाने के लिए दिल्ली की निचली अदालत से ट्रांजिट रिमांड ले पाती, मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दोपहर 2 बजे मामला चीफ जस्टिस के सामने रखा और दखल का अनुरोध किया. उस समय चीफ जस्टिस 5 जजों की संविधान पीठ में बैठे थे, इसलिए सुनवाई संभव नहीं थीय उन्होंने सिंघवी को आश्वासन दिया कि 3 बजे वह यह मामला सुनेंगे. 


क्या मांग की? 
दोपहर 3 बजे चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एम आर शाह और पी एस नरसिम्हा की बेंच इस केस को सुनने के लिए विशेष रूप से बैठी. सुनवाई की शुरुआत में ही सिंघवी ने कहा कि वह खेड़ा के बयान का समर्थन नहीं कर रहे. वह खुद कभी ऐसा बयान नहीं देते, लेकिन इसके लिए 3 जगहों पर एफआईआर दर्ज होना और खेड़ा को गिरफ्तार कर लिया जाना भी गलत है. वरिष्ठ वकील ने यह भी बताया कि उन्हें अब तक 3 एफआईआर की जानकारी हैय यह एफआईआर उत्तर प्रदेश के लखनऊ और वाराणसी के अलावा असम के दीमा हसाओ में दर्ज हुई हैं. इन सबको एक जगह ट्रांसफर किया जाए.


असम सरकार ने क्या कहा? 
सिंघवी ने यह भी कहा कि बयान गलती से दिया गया था. उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में खेड़ा ने अपनी गलती सुधार ली थी. उन्होंने बाद में इसके लिए खेद भी जताया था. इस पर असम सरकार के लिए पेश एडिशनल सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि वह कोर्ट में खेड़ा के बयान का वीडियो चला रही है. बयान जानबूझकर प्रधानमंत्री का अपमान करने और लोगों को चिढ़ाने की मंशा से दिया गया. 


भाटी ने यह भी कहा कि गिरफ्तारी हो चुकी है. ट्रांजिट रिमांड के लिए आरोपी को मजिस्ट्रेट के सामने ले जाया जा रहा है. अब सुप्रीम कोर्ट को दखल नहीं देना चाहिए. इस पर सिंघवी ने कहा कि खेड़ा जांच में सहयोग करेंगे, उन्हें गिरफ्तारी से राहत दी जाए. 


कोर्ट ने क्या कहा? 
सुनवाई के अंत में चीफ जस्टिस ने कहा कि वह सिंघवी के इस अनुरोध से सहमत हैं कि सभी मामलों को एक जगह ट्रांसफर किया जाए. असम और यूपी सरकार को इस पर नोटिस जारी किया जा रहा है. सोमवार (27 फरवरी) को मामले पर आगे सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने खेड़ा को बड़ी राहत देते हुए यह भी कहा कि जिस मजिस्ट्रेट के सामने उन्हें ट्रांजिट रिमांड के लिए पेश किया जा रहा है, वह उन्हें अंतरिम जमानत दे दें. बाद में जिस जगह सभी मामले ट्रांसफर किए जाएंगे, वहां की कोर्ट से वह नियमित ज़मानत ले सकते हैं.  


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