Congress Agitation Against Modi Govt: मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस मंहगाई, बेरोजगारी, निजीकरण, कृषि संकट समेत तमाम राष्ट्रीय मुद्दों पर आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर रही है. योजना के मुताबिक अलग-अलग मुद्दों पर चरणबद्ध तरीके से कांग्रेस आंदोलन करेगी जो 2024 यानी अगले लोकसभा चुनाव तक चलेगा. आंदोलनों की रूपरेखा तय करने के लिए दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता में बनी कमिटी ने मंगलवार को पहली बैठक के बाद अपने सुझाव पार्टी नेतृत्व को दे दिए हैं, जिसपर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अंतिम निर्णय लेंगी. 15 गुरुद्वारा रकाबगंज रोड स्थित कांग्रेस वॉर रूम में हुई बैठक में प्रियंका गांधी भी शामिल हुईं.
फिलहाल रणनीतियों का खुलासा नहीं किया जा रहा. बीजेपी से लड़ाई को विचारधारा की लड़ाई करार देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस जोड़ने वाली विचारधारा है और हमारी लड़ाई तोड़ने वाली विचारधारा से है. यह पूछे जाने पर कि अन्ना आंदोलन की तर्ज पर सिविल सोसायटी के लोगों को आंदोलन से जोड़ा जाएगा? दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर सिविल सोसाइटी के लोग भी जुड़ना चाहें तो उनका स्वागत है. अन्ना हजारे की तारीफ करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि अन्ना सज्जन व्यक्ति हैं, लेकिन उनका सबने दुरुपयोग किया खास तौर पर आरएसएस ने.
दूसरी तरफ कांग्रेस की आंदोलन कमेटी के सदस्य उदित राज ने कहा कि कांग्रेस अब सड़क पर ही नजर आएगी. 2024 तक संघर्ष करेंगे और इन्हें सत्ता से उखाड़ कर दम लेंगे. उदित राज ने कहा कि 27 सितम्बर को किसानों के भारत बंद को कांग्रेस समर्थन देगी. उन्होंने कहा कि हम पेट्रोल पंपों के पास 2014 से पहले और आज की कीमतों के पोस्टर लगाएंगे.
कुछ दिनों पहले वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता में सोनिया गांधी ने राष्ट्रीय मुद्दों पर आंदोलन की रूपरेखा तय करने के लिए नौ सदस्यीय कमेटी गठित की थी. देखना दिलचस्प होगा कि मोदी सरकार के खिलाफ पार्टी किस तरह सड़कों पर उतरती है.
बीते कुछ सालों में इस बात को लेकर कांग्रेस नेताओं की आलोचना होती रही है कि उनका विरोध प्रदर्शन सोशल मीडिया तक सीमित है. हालांकि बीते संसद सत्र के दौरान राहुल गांधी कभी किसानों के सर्मथन में ट्रैक्टर चला कर पहुंचे तो कभी उन्होंने मंहगाई के खिलाफ साइकिल चलाई. हाल में ही दिल्ली कैंट रेप-मर्डर मामले में राहुल गांधी पीड़ित परिवार के घर पहुंचे थे. इसके पहले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हाथरस रेप-मर्डर मामले में पीड़ित परिवार से मिलने के लिए पुलिस-प्रसाशन से भिड़ते नजर आए थे.
इन सब के बावजूद कांग्रेस को लगता है कि बीजेपी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने में वो कामयाब नहीं हो पाई है. ऐसे में दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता में बनी आंदोलन कमेटी के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी है. कांग्रेस को ना केवल मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाना है बल्कि संघर्ष करते दिखना भी है क्योंकि अब धीरे-धीरे उसके सामने विपक्षी दलों की अगुवाई का संकट भी खड़ा हो रहा है.
'आप काले कोट में हैं, इसका मतलब यह नहीं कि आपकी जान ज्यादा कीमती है' -सुप्रीम कोर्ट