MP में कांग्रेस का सॉफ्ट हिंदुत्व, राहुल की संकल्प यात्रा में 'अक्षत-तिलक'
अहम बात ये है कि संकल्प यात्रा को लेकर जो पोस्टर तैयार किए गए हैं उसमें संकल्प शब्द में लगी बिंदी को अक्षत-तिलक की तरह दिखाया गया है. पोस्टरों पर लाल तिलक और चावल लोगों का ध्यान खींच रहा है.
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भोपाल: प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी की मुकाबले के लिए कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर किस तरह चल रही है इसका एक बड़ा उदाहरण मध्यप्रदेश में देखने को मिला है. दरअसल मध्यप्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनाव प्रचार को 'संकल्प यात्रा' का नाम दिया गया है. इसकी शुरुआत राहुल आज मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रोड शो और कार्यकर्ताओं की सभा के जरिए करेंगे. अहम बात ये है कि संकल्प यात्रा को लेकर जो पोस्टर तैयार किए गए हैं उसमें संकल्प शब्द में लगी बिंदी को अक्षत-तिलक की तरह दिखाया गया है. पोस्टरों पर लाल तिलक और चावल लोगों का ध्यान खींच रहा है.
कांग्रेस के सूत्रों की माने तो तिलक-चावल के प्रतीक का इस्तेमाल सोच-समझ कर ही किया गया है. तिलक-चावल ना केवल धार्मिक प्रतीक के तौर पर महत्वपूर्ण है बल्कि हिन्दू समाज में किसी भी कार्य के शुभारंभ के वक्त इसका इस्तेमाल किया जाता है. जाहिर है तिलक-चावल के जरिए कांग्रेस हिन्दू वोटबैंक के बीच पैठ बनाने की कोशिश करती नजर आ रही है. इसके अलावा नेताओं और कार्यकर्ताओं की तरफ से जो होर्डिंग-पोस्टर जारी किए गए उनपर भी प्रमुखता से राहुल गांधी को शिवभक्त बताया गया है.
सूत्रों की माने तो राज्यों के चुनाव खासकर मध्यप्रदेश में प्रचार के दौरान राहुल गांधी एक बार भी मंदिरों के दर्शन करेंगे. आज बिगुल फूंकने के बाद राहुल संकल्प यात्रा का दूसरा चरण के लिए 27-28 सितम्बर मध्यप्रदेश में रहेंगे. इस दौरान वो चित्रकूट इलाके में प्रचार करेंगे. ये बात तो सब जानते ही हैं कि धार्मिक तौर पर चित्रकूट का कितना महत्व है. राहुल हाल ही में कैलाश मानसरोवर की यात्रा करके लौटे हैं. मानसरोवर यात्रा के बाद से ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी की शिवभक्त इमेज को चमकाने की कोशिश कर रहे हैं. इससे पहले गुजरात और कर्नाटक में भी राहुल का मंदिर दर्शन खूब चर्चा में रहा था.
हालांकि कांग्रेस कभी सॉफ्ट हिंदुत्व की नीति को स्वीकार नहीं करती बल्कि धर्मनिरपेक्षता और सर्वधर्म समभाव की बात करती है लेकिन उसके कार्यक्रमों में जिस तरह हिन्दू प्रतीक जगह बनाते जा रहे हैं उससे ये साफ है कि कांग्रेस को इस बात का एहसास है कि मोदी के मुकाबले के लिए उसे भी 'हिंदुत्व' की जरूरत है. देखना यही है कि 'अक्षत-चावल' के जरिए राहुल का 'संकल्प' पूरा होता है या नहीं!
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