Congress Plenary Session: 'अडानी से आपका रिश्ता क्या है?', कांग्रेस अधिवेशन में राहुल गांधी का पीएम मोदी पर वार
Rahul Gandhi On PM Modi: अडानी मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा कि हम एक बार नहीं, हजार बार सवाल पूछेंगे, जब तक अडानी की सच्चाई सामने नहीं आएगी तब तक सवाल पूछते रहेंगे.
Congress 85th Plenary Session: रायपुर में आयोजित कांग्रेस के 85वें अधिवेशन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार (26 जनवरी) को पार्टी नेताओं को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा. राहुल गांधी ने एक बार फिर से अडानी मामले पर पीएम मोदी को घेरने की कोशिश की. उन्होंने दावा किया, "गौतम अडानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक हैं."
राहुल गांधी आगे कहा, "मैंने संसद में गौतम अडानी की आलोचना की और पूछा कि उनका पीएम मोदी के साथ क्या संबंध है? इस सवाल पर मोदी सरकार और उसके मंत्री अडानी के बचाव में आए थे. वे (बीजेपी) कहते हैं कि जो अडानी पर आक्रमण करता है वह देशद्रोही है." कांग्रेस नेता ने कहा, "संसद में अडानी के बारे में कोई सवाल नहीं पूछ सकता." उन्होंने आगे कहा, "हम तब तक सवाल पूछते रहेंगे, जब तक सच्चाई सामने नहीं आ जाती."
अडानी की अंग्रेजों से तुलना की
राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा, "हम बार-बार सवाल पूछते रहेंगे कि आखिर हर सेक्टर को कैसे अडानी को सौंपा जा रहा है?" उन्होंने आगे कहा, "आजादी की लड़ाई भी ईस्ट-इंडिया कंपनी के खिलाफ हुई थी. वह भी एक कंपनी थी और यह भी एक कंपनी है. आज इतिहास रिपीट हो रहा है और हम कंपनी के खिलाफ लड़ रहे हैं."
सावरकर पर भी निशाना साधा
राहुल ने कहा, "मोदी सरकार के एक मंत्री ने इंटरव्यू में कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था भारत से बड़ी है तो हम उनसे कैसे लड़ें? जब अंग्रेज हम पर राज करते थे तो क्या उनकी अर्थव्यवस्था हमसे छोटी थी? यानी जो आपसे ताकतवर है उनसे लड़ें ही मत. इसको कायरता कहते हैं." कांग्रेस अधिवेशन में भी राहुल गांधी सावरकर पर सवाल उठाने से नहीं चूके. उन्होंने कहा, "सावरकर की विचारधारा है कि जो आपके सामने आपसे ताकतवर, मजबूत है उसके सामने सिर झुका दो. हिंदुस्तान के मंत्री चीन से कह रहा है कि आपकी अर्थव्यवस्था हमसे बड़ी है इसलिए हम आपके सामने खड़े नहीं हो सकते."
'52 साल हो गए, लेकिन घर नहीं'
राहुल गांधी ने कहा कि हम सत्याग्रही हैं और बीजेपी-आरएसएस वाले सत्ताग्रही हैं. अधिवेशन में राहुल ने कहा कि 52 साल हो गए लेकिन हमारे पास घर नहीं है. उन्होंने कहा, "मैं 1977 में 6 साल का था. मुझे चुनाव के बारे में नहीं पता था. मैंने मां से पूछा कि क्या हुआ? मां ने कहा कि हम घर छोड़ रहे हैं. तब तक मुझे लगता था कि वह हमारा घर है. मैं इस बात पर हैरान था कि यह हमारा घर नहीं है. मां ने बताया कि यह सरकार का है. हमारा घर नहीं है. तब हमने पूछा कहां जाना है. मां ने कहा मालूम नहीं. आज 52 साल हो गए, मेरे पास घर नहीं है. मेरे परिवार का जो इलाहाबाद में घर है वह भी हमारा नहीं है."
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